सरकार ने एफपीआई सरचार्ज पर स्पष्टीकरण दिया, विशेषज्ञों ने कहा कम फायदेमंद

नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा विदेशी और घरेलू पोर्टफोलियो निवेशकों पर सरचार्ज वापस लेने की घोषणा के बाद आयकर विभाग ने शनिवार को स्पष्टीकरण दिया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को डेरिवेटिव के हस्तांतरण से हुई व्यावसायिक आय पर सामान्य दर से कर का भुगतान करने के अलावा बढ़ा हुआ सरचार्ज भी देना होगा।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “डेरिवेटिव्स (वायदा और विकल्प) को पूंजीगत संपत्ति नहीं माना जाएगा और डेरिवेटिव्स के हस्तांतरण से प्राप्त आय को व्यवसायिक आय माना जाएगा और उस पर सामान्य दर से कर का भुगतान करना होगा।”

कर विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्पष्टीकरण ने सरकार से घोषणा से हुए फायदे की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और रिटर्न फाइल करने को काफी जटिल बना दिया है। उनमें से एक ने कहा कि संरचना को ‘बेहद हास्यापद तरीके से जटिल बना दिया गया है’।

उन्होंने कहा, “तो, इसका क्या मतलब है कि सूचीबद्ध संस्थाओं से होने वाले पूंजीगत लाभ पर सभी को उच्च सरचार्ज से छूट दी जाएगी। लेकिन जब बात डेरिवेटिव की आती है, तो एफपीआई की आय पर कम दर और कम सरचार्ज लगेगा, लेकिन अन्य सभी इकाइयों पर उच्च सरचार्ज लगेगा।”

विशेषज्ञों का कहना है कि यहां तक अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड (एआईएफ) को भी उच्च सरचार्ज देना होगा।

ग्रांट थार्टन एडवाइजरी प्रा. लि. के रियाज थिंगना ने कहा, “डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर व्यावसायिक आय पर केवल एफपीआई को उच्च सरचार्ज नहीं लगेगा। हालांकि एआईएफ जैसी संस्थाओं को राहत नहीं मिलेगी। सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के बीच कर का अंतर भी बढ़ गया है। संक्षेप में, इससे कर अनुपालन में जटिलताएं पैदा होंगी और केवल आंशिक राहत मिलने की ही संभावना है।”