समाजोपयोगी अनुसंधान आवश्यक: विभव केलकर

पुणे: समाज के महत्वपूर्ण प्रश्नों पर हम सबको सोचना चाहिए, इन समस्याओं का अच्छी तरह से अध्ययन कर विश्वव्यापी उपाययोजनाएं करनी होगी। हमारे अनुसंधान, नये इनोवेशन से हमी इस समस्याओं से जड़ से मिटाने का प्रयास इस युवा पीढी को करना चाहिए। विद्यार्थियों को समाजोपयोगी अनुसंधान पर जोर देना चाहिए, यह राय सरल आयडिया (सीबी) सॉफ्टवेयर के संस्थापक विभव केलकर ने जतायी।

वाघोली स्थित रायसोनी ग्रुप आॅफ इन्स्टिटयूट के जीएच रायसोनी इन्स्टिट्यूट आॅफ इंजिनीअरिंग एण्ड टेक्नॉलॉजी की ओर से आयोजित युरेका हैकेथॉन 2018 नामक राष्ट्रीय इनोवेशन और डिझाईन प्रतियोगिता में मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने उपरोक्त राय दी। इस प्रतियोगिता में जीएच रायसोनी महाविद्यालय के टी-मैट्रिक्स प्रोजेक्ट को पहला क्रमांक मिला। इसके साथ चेन्नई की एसआरएम युनिवर्सिटी के द मिनिमल : सेव योर सोल प्रोजेक्ट को दूसरा व मुंबई के ठाकूर पॉलिटेक्निक के स्मार्ट वॉकिंग स्टिक प्रोजेक्ट तीसरा क्रमांक मिला। इन विजेता टीमों को क्रमवार 15 हजार, 10 हजार, पांच हजार रुपए नकद पुरस्कार दिया गया।

इस मौके पर संस्था के विश्वस्त संचालक अजित ताटिया, प्राचार्य डॉ. रविंद्र खराडकर, उपप्राचार्य डॉ. नितीन कोरडे, डॉ. जयवंत संकपाल, प्रतियोगिता की समन्वयक वंदना दुरेजा व स्नेहा पोखरकर, सह समन्वयक प्रा. अमोल भोई, एल एण्ड टी इन्फोटेक के आयटी हेड विक्रम पाटिल, उद्योगपति डॉ. पराग कुलकर्णी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में रायसोनी शिक्षा संस्थान के चेअरमन सुनील रायसोनी ने विद्याथ्र्यििों को संदेश भेजकर शुभकामनाएं दी। इस स्पर्धा में चेन्नई, गुडगांव, मुंबई, हरियाणा, पुणे व अन्य क्षेत्रों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता दो हिस्सों में बंटी थी, इसमें प्रोजेक्ट पेश करने हेतु छह अलग- अलग विषय तय किए गए थे। इसमें 45 प्रोजेक्ट पेश किए गए, जिनमें 30 टीमें दूसरे राऊंड में पहुंची। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन देवयानी मुखर्जी व शुभम पवार ने किया व समीर धारीवाल ने आभार ज्ञापन दिया।