शिवसृष्टि के लिए दिपक मानकर की लड़ाई कामयाब : दिपक मानकर

पुणे : एनपी न्यूज नेटवर्क

कोथरूड़ में शिवसृष्टि निर्माण करने के लिए पिछले 10 सालों से कोशिशें कर रहे दिपक मानकर की लड़ाई को आखिरकार कामयाबी मिल ही गई। मेट्रो की वजह से ही सही राज्य सरकार को कोथरूड़ स्थित बीडीपी की जगह पर शिवसृष्टि निर्माण करने की घोषणा करनी पड़ी। भले ही मानकर की लड़ाई को कामयाबी मिली हो लेकिन इस मुकाम तक पहंुचना आसान नहीं है। बीडीपी की जगह पर निर्माण कार्य करने के लिए पर्यावरणप्रेमियों ने आपत्ति जताई है। इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या यूं कहे भारतीय जनता पार्टी उनका शिवसृष्टि निर्माण करने का वचन पूरा कर सकेगी या नहीं यह बड़ा सवाल है।

कोथरूड़ कचरा डेपो की जगह पर शिवसृष्टि निर्माण करने का प्रस्ताव वर्ष 2009 को पुणे महानगरपालिका के सभागृह में मंजूर हुआ था। वहीं दूसरी ओर पुणे मेट्रो परियोजना को भी मंजूरी दी गई। उसके बाद मेट्रो कंपनी ने विकास रूपरेखा में कोथरूड़ कचरा डेपो की जगह पर मेट्रो यार्ड के निर्माण का सुझाव दिया। यह पता चलते ही मानकर ने इस जगह पर शिवसृष्टि का ही निर्माण करने की मांग की। अपनी मांग को लेकर लगातार मोर्चाओं का आयोजन, आंदोलन किए। भाजपा ने इस मांग को दरकिनार करते हुए पौड़ मार्ग पर मेट्रो का काम शुरू कर दिया। उसके बाद मानकर ने उक्त काम बंद करवाने की चेतावनी दी। आखिरकार भाजपा ने इस चेतावनी को गंभीरता से लिया। शिवसृष्टि के विषय पर मुख्यमंत्री ने बैठक लेकर कचरा डेपो की जगह पर मेट्रो यार्ड जबकि उसके नजदीक बीडीपी की अन्य जगह पर शिवसृष्टि निर्माण करने की घोषणा की और मानकर को आंदोलन पीछे लेने का आह्वान किया। घोषणा के बाद मानकर ने भी आंदोलन पीछे लिया वहीं भाजपा ने खुशी मनाकर मुख्यमंत्री की भूमिका का स्वागत किया लेकिन भाजपा की यह खुशी ज्यादा दिन तक टिकने के आसार नहीं है।

समाविष्ट गांवों की विकास रूपरेखा वर्ष 2005 में तैयार की गई जिसमें कुल 920 हेक्टेयर पहाड़ी उतार का क्षेत्र बीडीपी झोन के तौर पर घाेषित किया गया। बीडीपी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने को पर्यावरणप्रेमियों का कड़ा विरोध है। इसलिए अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने बीडीपी को लेकर ठोस फैसला नहीं लिया था। विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने समाविष्ट गांवों की विकास रूपरेखा मंजूर की थी लेकिन बीडीपी का फैसला लंबित रखा। राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने पुराने सीमा की विकास रूपरेखा मंजूर की लेकिन बीडीपी और हिल टॉप, हिल स्लोप के निर्माण कार्यों का फैसला लंबित रखा। ऐसी स्थिति में 50 एकड़ बीडीपी का आरक्षण बदलकर उस जगह पर निर्माण कार्य को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को 920 हेक्टेयर पर बीडीपी तथा हिल टॉप, हिल स्लोप को लेकर ठोस फैसला लेना जरूरी ही है।

बीडीपी में शिवसृष्टि निर्माण करने की घोषणा को लेकर शहर के पर्यावरणप्रेमी सतर्क हुए हैं। बीडीपी का आरक्षण बदलने को विरोध करना शुरू हुआ है। इसका सामना राजनीतिज्ञाें को करना पड़ेगा यह तो स्पष्ट ही है। अरब सागर में शिवस्मारक की तरह कोथरूड़ में शिवसृष्टि का विषय कानूनी प्रक्रिया में अटकने का कहकर भाजपा पीछे नहीं हट सकती यह तो निश्चित ही है। एक ओर पुणे का पर्यावरण, पर्यावरणप्रेमी तथा चुनावों में की गई शिवघोषणा में भाजपा के नेताएं पूरी तरह से फस गए हैं तो दूसरी ओर छत्रपति शिवाजी महाराज के मावलों अर्थात सिपाहियों में से एक मानकर नामक शेर ने नेताओं को पूरी तरह से पकड़ में लेने का दिखाई दे रहा है। इसलिए मानकर का शिवसृष्टि का लक्ष्य किस तरह से पूरा होता है यह देखना रोचक होगा।