नई दिल्ली: विमान में उड़ान भरने वालों के लिए अच्छी खबर है। सरकार विमानन कंपनियों की मनमानी खत्म करने के लिए बड़ा बदलाव करने जा रही है। जिसके बाद टिकट रद्द करने से लेकर तमाम मामलों में आपको राहत मिलेगी। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने मंगलवार को हवाई यात्रियों के लिए कई सौगातों की घोषणा करते हुए पेपरलेस यात्रा के लिए डिजियात्रा की शुरुआत की। सरकार ने पैसेंजर चार्टर का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। ड्राफ्ट के प्रावधानों की जानकारी देते हुए सिन्हा ने कहा कि फ्लाइट बुकिंग के बाद 24 घंटे का लॉक इन ऑप्शन होगा। इसके बाद और फ्लाइट के समय से 96 घंटे पहले तक टिकट रद्द करने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा। इसके अलावा 24 घंटे के भीतर टिकट में नाम, पता आदि जैसे बदलाव भी मुफ्त में करा सकते हैं। मंत्री ने यह भी साफ किया कि किसी भी हालत में रद्दीकरण शुल्क मूल किराये और ईंधन शुल्क के जोड़ से अधिक नहीं हो सकता है। जयंत सिन्हा ने कहा कि चार्टर के कानून बन जाने के बाद एयरलाइन्स कंपनियों को इन्हें लागू करना होगा।
देरी पर मिलेगा मुआवजा
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने कहा कि यदि एयरलाइन्स कंपनियों की गलती की वजह से फ्लाइट में देरी होती है तो उन्हें यात्रियों को इसका हर्जाना देना होगा। यदि फ्लाइट अगले दिन तक के लिए लंबित होती है, तो बिना किसी अतिरिक्त चार्ज लिए यात्रियों के होटल में रुकने का प्रबंध करना होगा। कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने पर भी कंपनियों को हर्जाना देगा होगा। इतना ही नहीं फ्लाइट में 4 घंटे से अधिक की देरी होती है, तो यात्री टिकट कैंसल करा सकते हैं और उन्हें पूरा पैसा रिफंड कर दिया जाएगा।
कनेक्टिंग फ्लाइट छूटी तो…
नए प्रावधानों के मुताबिक, यदि तीन घंटे से अधिक देरी की वजह से कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाती है तो एयरलाइन कंपनी 5 हजार रुपए हर्जाना देगी। यदि यह देरी 4-12 घंटे होती है तो 10,000 और 12 घंटे से अधिक की देरी की स्थिति में 20,000 रुपए देना होगा। एक और अच्छी खबर ये है कि प्लेन के टेकऑफ करते ही यात्रियों को इंटरनेट सुविधा मिल सकती है,हालांकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को फ्लाइट मोड में रखना होगा। लेकिन मोबाइल सेवा तभी मिलेगी जब विमान 3,000 मीटर से ऊपर हो।