विपरीतलिंग ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु।

शानवी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू के सदस्य के तौर पर नौकरी के लिए अर्जी दी।

मुंबई: एयर इंडिया में नौकरी न मिलने पर मुंबई में रह रही विपरीतलिंग शानवी ने पोन्नुस्वामी इच्छा मृत्यु की मांग की है। शानवी का आरोप है कि विपरीतलिंग होने की वजह से उसे एयर इंडिया में नौकरी नहीं मिली। नौकरी देने से मना करने के बाद उसने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु दिए जाने की दरख्वास्त की है। शानवी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू के सदस्य के तौर पर नौकरी के लिए अर्जी दी थी।

शानवी ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा,”मैंने किसी और एयरलाइन में अर्जी नही दी है नहीं किया है जब सरकारी एयरलाइन में आपके लिए (विपरीतलिंग) के लिए कोई वर्ग नहीं है, तब आप निजी एयरलाइंस से क्या उम्मीद कर सकते हैं, अब मैं जियूं या मरूं ये राष्ट्रपति के हाथ में है, हमारे पास विपरीतलिंग के लिए कोई वर्ग नहीं है। लेकिन क्या मुझे कर पे छूट मिलता है। मुझे कर चुकाना पड़ता है। मेरे पास अनुभव और योग्यता है। क्या ये सिर्फ मेरे लिंग का मामला है?”
शानवी ने तमिलनाडु से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके मॉडलिंग शुरू की थी । वे इन दिनों मुंबई में रह रही हैं। मॉडलिंग के दौरान ही उन्होंने यह तय किया कि वे एयर इंडिया में शामिल होंगी ,लेकिन उनके सामने उनका विपरीतलिंग होना समस्या बन गया।जब उन्होंने एअर इंडिया में एयर होस्टेस और केबिन क्रू के लिए अर्जी दी तो उनकी आवेदन सिर्फ इस बात के कारण रद्द कर दी गई, क्योंकि एअर इंडिया में पुरुष और महिला के अलावा तीसरा विकल्प नहीं था। इस पूरे मामले के बाद भी शानवी ने हार नहीं मानी और वे सुप्रीम कोर्ट पहुंची। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एविएशन मिनिस्ट्री से चार हफ्तों के अंदर इस बात पर जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आदेश के बाद भी विपरीतलिंग का विकल्प क्यों नही रखा गया।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में शानवी ने दावा किया है कि न तो एयर इंडिया और न ही नागर विमान मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट का जवाब दिया है। उसने कहा है कि बिना नौकरी के वह अपना गुजारा करने में सक्षम नहीं है और इसलिए उसे इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।