विपक्ष ने संसद में अपनी संख्या बढ़ाई

नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)| शिवसेना के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर होने के साथ विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपनी संख्या को बढ़ा लिया है। संयुक्त विपक्ष की ताकत लोकसभा में 200 के आंकड़े को पार कर गई है, जहां संख्या की कमी के कारण विपक्ष के नेता का पद रिक्त है।

शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद हैं और राज्यसभा में तीन सांसद हैं। पार्टी महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण बनने के साथ विपक्ष की बेंच में चली गई है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व शिवसेना की बातचीत चल रही है जहां फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है।

लोकसभा वेबसाइट के विवरण के अनुसार, कांग्रेस के लोकसभा में 52 सांसद हैं, द्रमुक के 24, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 22 व वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के 22 सांसद हैं, जबकि शिवसेना विपक्ष की पांचवी सबसे बड़ी घटक पार्टी है।

हालांकि, एक नेता के अनुसार, तीन महत्वपूर्ण पार्टियां वाईएसआरसीपी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और बीजू जनता दल (बीजद) तकनीकी रूप से तो विपक्ष में हैं लेकिन उनका रुख राजनीतिक सुविधा के अनुरूप बदलता रहता है।

राज्यसभा में जहां विपक्ष तेजी से अपनी पकड़ खोता जा रहा है, शिवसेना के शामिल होने से इसे ताकत मिली है। शिवसेना के राज्यसभा में तीन सांसद हैं।

विपक्ष ने सरकार द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाया। अब्दुल्ला लोकसभा के सदस्य हैं।

अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने व राज्य के पुनर्गठन के बाद से फारूक अब्दुल्ला, दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला व पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, “फारूक अब्दुल्ला को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्हें बीते तीन महीनों से नजरबंद रखा गया है और पूर्व के उदाहरणों के अनुसार, जेल में बंद पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को भी कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।”

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दृढ़ता से कहा कि विपक्ष संसद के शीतकालीन सत्र में आर्थिक संकट का मुद्दा उठाएगा।

संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के संदर्भ में कहा, “शिवसेना कांग्रेस के साथ गठजोड़ बनाने पर काम कर रही है। उसने विपक्ष में बैठने का विकल्प चुना है। हम इस पर सहमत हैं और उनके मंत्री भी सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं।”

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के महत्वपूर्ण शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को आहूत सर्वदलीय बैठक में भाग लिया।