विनोद दोशी नाट्य महोत्सव मना रहा 10वीं सालगिरह

पुणेः समाचार

बड़ी तेजी से मोबाइल फोन स्क्रीन में सिकुड़ रही आज की दुनिया में भी थिएटर की वाइव्रेंट संस्कृति को जीवित रखने की कोशिशों में जुटा लोकप्रिय विनोद दोशी थिएटर महोत्सव, जिसे मशहूर उद्योगपति एवं कलाप्रेमी विनोद दोशी के स्मरणार्थ शुरू किया गया है, अब एक दशक पूर्ति मनाने जा रहा है। एक दशक से भारत में तर्कणीय, सबसे अधिक मोहित करते हुए मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड, पंजाबी और अन्य गैर भाषिक नाटकों का मंचन यह महोत्सव कर रहा है। यह महोत्सव 19 से 23 फरवरी को कोथरुड के यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह में होगा।

विजय तेंदुलकर, मोहन राकेश, इस्मत चुगताई, गिरीश कर्नाड, सई परांजपे, नसरूदीन शाह, रत्ना पाठक शाह, कुमूद मिश्रा, रघुवीर यादव, पल्लवी अरूण, सुनील शानबाग और इरावती कर्वे जैसे बडे़ कलाकारों को इस महोत्सव से एक मुकाम हासिल हुआ है। यह ऐतिहासिक वर्ष मनाने के लिए इस वर्ष महोत्सव की शुरूआत सतीश आलेकर लिखित एवं निर्देशित महानिर्वाण नामक एक आधुनिक भारतीय नाटक से हो रहा है। दूसरे दिन सपन सरन और इरावती कर्णिक लिखित और सुनील शानबाग द्वारा निर्देशित वर्डस् हैव बीन उटर्ड नामक नाटक का मंचन होगा जिसमें सांस्कृतिक अभिव्यक्ति से किसी साम्राज्य अथवा राज्यतंत्र का निषेध कैसे किया गया, इसे दशार्या गया है।

महोत्सव के तीसरे दिन पूर्वा नरेश की लिखित एवं निर्देशित हिंदी संगीतिका -बंदिश 20-20,000 हटर््ज प्रस्तुत किया जाएगा। 22 तारीख को नई दिल्ली की कठकता का महाभारत एक भिन्न दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया जा रहा है। यह नाटक अनुरूपा रॉय निर्देशित है जिसमें बुनराकू जापानी कठपुतली कला का उपयोग किया गया है। 10वें महोत्सव में अंत में गिरीश कर्नाड लिखित ययाति नाटक का मंचन होगा। इस नाटक को बेंगलुरु के जागृति थिएटर की अरूंधति राजा ने निर्देशित किया है। इसके पूर्व पुणे, मुंबई, बैगलुरू, नई दिल्ली, कोलकाता, जयपुर, कणकवली और इम्फाल इन स्थानों से विविध भाषिक नाटकों से यह महोत्सव महाराष्ट्र में सर्वसमावेशक नाट्यमहोत्सव होता है। यह जानकारी विनोद एंड सरयू दोशी फाउंडेशन की डां. सरयू दोशी ने दी।