विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ा जाना राजनीतिक मुद्दा नहीं : तृणमूल

 कोलकाता, 17 मई (आईएएनएस)| भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता में एक रोडशो के दौरान प्रख्यात बंगाली शिक्षाविद ईश्वर चंद्र विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा को तोड़े जाने के कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री पार्था चटर्जी ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस इसे एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में इस्तेमाल नहीं कर रही।

 चटर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि मैंने कहा है कि विद्यासागर के जन्म का 200 वर्ष मनाने की राज्य सरकार की पहले से योजना थी।”

उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों को महीनों पहले निर्देश दे दिया गया था कि विद्यासागर की 200वीं जयंती मनाएं और 20 सितंबर से 26 सितंबर के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करें।

चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने 13 फरवरी, 2019 को तय किया था कि विद्यासागर द्वारा इस्तेमाल की गईं विभिन्न वस्तुओं को जुटाया जाएगा, जो पूरे राज्य में रखी हुई हैं, और उन्हें एक संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा।

उन्होंने कहा, “हम इस परियोजना की गति बढ़ाएंगे और इस कॉलेज को एक विरासत स्थल बनाएंगे।”

तृणमूल नेता ने तोड़फोड़ की घटना के वीडियो के बारे में बात की, जिसमें हमलावर फगवा गमच्छा डाले दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, “भाजपा कार्यकर्ताओं को विद्यासागर की अर्धप्रतिमा को अपवित्र करते हुए जरा भी शर्म नहीं आई, लेकिन हम सभी के सिर शर्म से झुक गए हैं।”

मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस तरह का भद्दा राजनीतिक हमला कभी नहीं देखा।

निर्वाचन आयोग द्वारा दो पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किए जाने की ताजा घटना के संबंध में चटर्जी ने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि ईसी भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर काम कर रहा है।

ईसी ने गुरुवार को दो पुलिस अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी से हटा दिया।

ईसी की अधिसूचना के अनुसार, डायमंड हार्बर के सब डिविजनल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) मिथुन कुमार डे और अम्हर्स्ट स्ट्रीट पुलिस थाने के प्रभारी कौशिक दास को तत्काल प्रभासे उनके पदों से मुक्त कर दिया गया।

बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों अधिकारियों को चुनाव संबंधित कोई पद नहीं दिया जाएगा।