कार्यक्रम की शुरूआत में दीप प्रज्वलित कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर छात्रों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत विषय पर उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए निधि त्रिपाठी ने कहा, स्वामी विवेकानंद भारतीय नवोत्थान के अग्रणी महापुरुषों में से एक थे। उनके विचारों की स्वीकार्यता पूरे देश के साथ विश्व में भी है।
निधि त्रिपाठी ने कहा कि, हम युवाओं को उनके दिखाए पथ पर आगे बढ़ते हुए राष्ट्रीय पुननिर्माण के सपने को साकार करना है। इक्कीसवीं सदी हम युवाओं की है, हमें बेहतर अवसरों के लिए स्वयं को तैयार करना होगा, जिससे आने वाली हर बाधा और चुनौती को पारकर सफलता प्राप्त की जा सके। स्वामी विवेकानंद के विचारों को हमें नए संदर्भों में समझना होगा।
कार्यक्रम में कुल 42 छात्र व छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं मेडल दिया गया। इसके अलावा छात्र संगठनों ने शिक्षण संस्थानों को अविलंब खोलने की मांग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के समक्ष रखी है। खासतौर पर उच्च शिक्षण संस्थानों, कॉलेजों और रिसर्च संस्थानों को खोले जाने की मांग केंद्र सरकार से की गई है। इसके साथ ही शोध एवं रिसर्च से जुड़े छात्रों के लिए 1 वर्ष अतिरिक्त देने की मांग भी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से की गई है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री तथा राष्ट्रीय मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की है। इस दौरान मिलकर शिक्षा मंत्री के समक्ष अकादमिक जगत की वर्तमान समस्याओं के समाधान की मांग रखी गई।
–आईएएनएस
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