विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी अवैध तरीके से भेज रहे धन

कराची, 11 जनवरी (आईएएनएस)| स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर ने शुक्रवार को कहा कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी देश में लगातार अनौपचारिक माध्यमों से रुपये भेज रहे हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रेजा बाकिर ने चौथे वार्षिक बैंकिंग पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “हम देख रहे हैं कि प्रवासियों द्वारा धनराशि भेजने के लिए औपचारिक माध्यमों (चैनलों) का उपयोग उतनी तेजी से नहीं बढ़ रहा, जितनी तेजी से अनौपचारिक माध्यमों का उपयोग बढ़ रहा है।”

उन्होंने कहा, “इसके कारण अनौपचारिक माध्यमों की तुलना में औपचारिक माध्यम से धन भेजने की उच्च लागत हो सकती है। इसके अलावा रुपये भेजने वाले से बैंकों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न भी इसका कारण हो सकते हैं।”

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने हाल ही में संघीय कैबिनेट को बताया था कि विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी बैंकों को अपने बारे में अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने के इच्छुक नहीं हैं। रेजा ने कहा था कि उन्हें डर है कि उनका डेटा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) और फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के साथ साझा कर दिया जाएगा, जिससे इसका दुरुपयोग हो सकता है।

बैंकरों और विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि प्रतिवर्ष अवैध माध्यमों से देश में आठ अरब डॉलर भेजे जा रहे हैं।

वहीं वैध चैनलों के माध्यम से चालू वित्तवर्ष के पहले पांच महीनों (जुलाई-नवंबर) में पाकिस्तान में 9.3 अरब डॉलर भेजे गए।

पिछले साल पाकिस्तान सरकार ने अवैध तरीके से रुपये भेजने वालों और हवाला मनी ट्रांसफर सिस्टम के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी और बैंकों जैसे वैध माध्यमों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान चलाया था।

समारोह में एसबीपी गवर्नर ने कहा कि बैंक ट्रेजरी बिल और पाकिस्तान इन्वेस्टमेंट बॉन्ड्स (पीआईबी) में भारी निवेश कर रहे हैं।

उन्होंने बैंकों से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र को अधिक उधार देने का आग्रह किया।

रेजा बाकिर देश के बदलते आर्थिक भाग्य के बारे में उत्साहित दिखे। उन्होंने कहा, “देश का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि नई कार्यान्वित नीतियां अर्थव्यवस्था में असंतुलन को दूर करने में मदद कर रही हैं।”

उन्होंने कहा कि कुछ महीनों पहले देश का विदेशी भंडार (फॉरन रिजर्व) सात अरब डॉलर के निचले स्तर से बढ़कर 11.5 अरब डॉलर हो गया है।