वित्तमंत्री सीतारमण ने आईआईएम-अहमदाबाद के छात्रों को संबोधित किया

अहमदाबाद, 27 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएमए) ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का शानदार स्वागत किया। सीतारमण द इकोनॉमिक रिबाउंड एंड द इंडियन इकोनॉमी इन 2021 विषय पर एक इंटरैक्टिव सत्र में हिस्सा लेने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन के क्षेत्र में विख्यात संस्थान के छात्रों को संबोधित किया।

कोरोनावायरस महामारी फैलने के बाद से आईआईएमए की जेएसडब्ल्यू-स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी द्वारा संस्थान में आयोजित यह पहला ग्राउंड इवेंट रहा।

इस सत्र के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया, जिसमें उपभोक्ता विश्वास को वापस लाना, मजबूत वित्तीय बाजार, विनिर्माण क्षेत्र, शिक्षा क्षेत्र में वृद्धि और इस वर्ष बजट आवंटन में कमी जैसे कई विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। सत्र में पीएसयू विनिवेश लक्ष्य, स्वास्थ्य व्यय, स्किल इंडिया, ईंधन की कीमत से लेकर बचत एवं उधार योजना जैसे प्रमुख पहलुओं को रखा गया।

इस अवसर पर बोलते हुए, आईआईएमए प्रोग्राम्स के निदेशक प्रो. एरोल डिसूजा ने कहा, इस संस्थान में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति हमारे लिए एक सम्मान एवं प्रोत्साहन की बात है। हम उनकी उपस्थिति के लिए आभारी हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आईआईएमए और इसकी फैकल्टी सरकार के नीति निर्धारण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता के साथ सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जो कि देश के विकास में योगदान देने का हमारा तरीका है। माननीय मंत्री जी के साथ आज की बातचीत हमारे छात्रों के लिए एक यादगार और प्रेरक क्षण बनने जा रही है, जो वास्तविक दुनिया में अपना सफर शुरू करने की दहलीज पर हैं।

उन्होंने कहा कि सीतारमण सभी के लिए प्रेरणा हैं, विशेष रूप से देश के युवाओं के लिए। केंद्र में रक्षा और वित्त मंत्रालयों का प्रभार रखने वाली पहली महिला नेता के तौर पर वह देश की युवा महिलाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी मॉडल बन गई हैं।

सत्र के दौरान, वित्तमंत्री ने छात्रों को अपनी सीमाओं का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया। सीतारमण ने कहा, आप सभी इस तरह के संस्थान (आईआईएमए) में पहुंचे हैं और यह बात आपको भाग्यशाली बनाती है। मेरा आपसे केवल एक ही अनुरोध है कि आप देश के लिए अपना कुछ समय जरूर दें, ताकि यह राष्ट्र मजबूत हो। भारत को आपके समर्थन की जरूरत है। खुद पर ध्यान केंद्रित करें, लेकिन साथ ही भारत को उज्‍जवल और स्मार्ट बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करें।

आईआईएमए के छात्र अरुणाभ सक्सेना और सोनाक्षी अग्रवाल के साथ प्रो. एरोल डिसूजा ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश लक्ष्य और इसके प्रति सरकार के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा की। उन्होंने वर्तमान समय में ईंधन की उच्च लागत झेल रहे उपभोक्ताओं की चिंताओं पर विस्तृत वार्ता की और इस बार में भी विचार-विमर्श हुआ कि सरकार इन चुनौतियों का समाधान कैसे कर रही है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा, विश्व स्तर के विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्र और पंचायत स्तर पर ऑप्टिकल फाइबर जैसे तकनीकी रूप से संचालित उपकरण प्राप्त करने की उम्मीद में ट्विनिंग कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने की इच्छा देश में शिक्षा की बेहतरी में इजाफा करेगी। इसलिए शिक्षा के वित्त पोषण (एजुकेशन फंडिंग) में सुधार के लिए एक सचेत प्रयास किया गया है। मैं इस तथ्य को रेखांकित करना चाहती हूं कि नई शिक्षा नीति एवं इसके तहत योजनाएं और दीर्घकालिक दृष्टि, जिसके तहत एनईपी भारतीय शिक्षा को और अधिक जीवंत बनाती है, बजट बनाने की प्रक्रिया में उचित विचार प्रदान करती है।

सीतारमण ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रतिक्षेप (रिबाउंड) पर है और वह आने वाले वर्ष में आर्थिक सुधार देखने की उम्मीद कर रहीं हैं। बजट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना करने के अलावा सीतारमण ने यह भी माना कि देश भर में डिजिटल लर्निग की एक बड़ी क्षमता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए, जो इसके लिए कम पहुंच रखते हैं। उन्होंने उद्योगों के लिए स्किलिंग और अप स्किलिंग की जरूरत पर भी प्रकाश डाला।

संस्थान में केंद्र, राज्य और व्यापारिक समुदाय के संयोजन का एक अनूठा मॉडल है। आईआईएमए अनुसंधान कार्यक्रम रणनीति, अर्थशास्त्र, वित्त, संचालन और विपणन जैसे क्षेत्रों में सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के श्रेणी में गिना जाता है।

–आईएएनएस

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