लोगों पर हमें जूते मारने व खुदकुशी करने जैसी नौबत न लाएं!

पिम्परी। सप्ताह भर 24 घंटे न सही एक समय पर्याप्त व नियमित पानी की आपूर्ति होनी जरूरी है। पूरे शहर में एक समय सुचारू जलापूर्ति करें फिर दरवृद्धि की सोचें। अन्यथा लोग हमें जूते मारेंगे। किसानों की तरह शहरवासियों पर अलग अलग टैक्स और दरवृद्धि लादकर खुदकुशी करने जैसी नौबत लाएं। इन शब्दों में सर्वदलीय नगरसेवकों ने जलकर वृध्दि का पुरज़ोर विरोध किया है।

महापौर नितिन कालजे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई सर्व साधारण सभा में जलापूर्ति कर में वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया गया जिस पर विपक्ष समेत तकरीबन सभी दलों के नगरसेवकों ने विरोध जताया है। इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में नगरसेवकों ने अपने अपने क्षेत्र की जलापूर्ति संबधी समस्या बयान की। अवैध नल कनेक्शन, पानी की चोरी, जलापूर्ति व्यवस्था में 30 फीसदी से ज्यादा रिसाव जैसे मुद्दे उठा कर पहले पूरे शहर में समान, नियमित, पर्याप्त जलापूर्ति की व्यवस्था करें उसके बाद ही दरवृद्धि का प्रस्ताव पेश करें, यह मांग की।

दरवृद्धि की बजाय चोरी, रिसाव रोकें, अवैध नल कनेक्शन नियमित कर खर्च वसूले जैसी मांग के साथ ही नल से दूषित, बदबूदार पानी और कभी कभी तो केवल हवा ही निकलती है। नल से निकलने वाली इस हवा और दूषित पानी के लिए ज्यादा पैसे क्यों दें ? जैसे सवाल भी उठाए गए। इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में विपक्ष के नेता योगेश बहल, नगरसेवक नाना काटे, जावेद शेख, मीनल यादव, भाऊसाहब भोईर, राजू बनसोडे, शत्रुघ्न काटे, नीता पाड़ाले, झामाबाई बारने, राजेन्द्र लांडगे, संदीप कस्पटे समेत अन्य नगरसेवकों ने हिस्सा लिया।