रूहानी बुधवार को यहां कैबिनेट की बैठक में कहा, ये प्रतिबंध लोगों पर एक लूट है। समाज में सबसे ज्यादा गरीबों पर सीधा जुल्म, बीमार लोगों पर अधिकारों का दुरुपयोग, जिनके पास दवाओं की कमी है । ये वंचितों पर क्रूरता का एक कार्य है जो ज्यादा कीमत पर रोटियां खरीदने के लिए मजबूर हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2018 में संयुक्त राष्ट्र की व्यापक योजना (जेसीपीओए) के रूप में ज्ञात 2015 के परमाणु समझौते को वाशिंगटन द्वारा एकतरफा छोड़ने, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा देश पर प्रतिबंधों के बाद ईरान की अर्थव्यवस्था को एक कठोर झटका लगा है।
रूहानी ने प्रतिबंधों की हार के रूप में तीन साल से अधिक समय तक ईरान पर अमेरिका के आर्थिक युद्ध के साथ ईरानी लोगों की ओर इशारा किया।
दुनिया के जनमत में ईरानोफोबिया की हार के बारे में, रूहानी ने कहा कि 18 अक्टूबर, 2020 को जेसीपीओए के साथ मिलकर ईरान पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए हथियारों की समाप्ति ईरान की कूटनीति की एक और सफलता थी।
राष्ट्रपति ने कहा, उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि सभी प्रतिबंध जल्द हटा दिए जाएंगे।
6 अप्रैल से, जेसीपीओए संयुक्त आयोग ने वियना में बैठकें आयोजित की थी, जिसका उद्देश्य अमेरिका को इस सौदे पर वापस आना है और ईरान इसके साथ पूर्ण अनुपालन फिर से शुरू करना है।
–आईएएनएस
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