रूठों को मानाने में मशगूल हैं शाह

नई दिल्ली: यूपी उपचुनाव में मिली हार और अपनों के बगावती तेवरों ने भाजपा आलाकमान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यही वजह है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अपने रूठे सहयोगियों को मानाने के खास मिशन में जुट गई है। इस मिशन की अगुवाई पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव और मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को भी इस काम में लगाया गया है। मालूम हो कि टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू और जीतनराम मांझी  एनडीए को अलविदा कह चुके हैं और शिवसेना पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।

दिलाया भरोसा  
ओमप्रकाश राजभर को मानाने के बाद बुधवार को अमित शाह ने अपना दल की अनुप्रिया पटेल से मुलाकात की। अनुप्रिया यूपी की अफसरशाही में ठाकुरवाद को बढ़ावा देने को लेकर भाजपा से नाराज़ चल रही हैं। लगभग 45 मिनट तक चली इस मुलाकात में शाह ने अनुप्रिया को भरोसा दिलाया कि 10 अप्रैल को होने वाली अपनी लखनऊ यात्रा के दौरान वह सीएम योगी आदित्यनाथ से इस विषय में बात करेंगे। अनुप्रिया चाहती हैं कि यूपी में जिलाधिकारी और एसएसपी जैसे पदों पर ओबीसी वर्ग के अधिकारियों को भी जगह मिलनी चाहिए।

मुलाकातों का दौर 
शाह ने मंगलवार को सहयोगी ओमप्रकाश राजभर को भी आश्वासन दिया था कि वह 10 अप्रैल को लखनऊ में राजभर की पार्टी के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे। राजभर की अगर मानें तो शाह ने लंबे समय से मुलाकात न करने को लेकर अपनी गलती स्वीकारी। वहीं पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव और मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने एनडीए सहयोगी रामविलास पासवान से भी मुलाकात की है।