राष्ट्रवादी के ‘हल्लाबोल’ से पूर्व शिवसेना ने फिर लगाई ‘दहाड़’

शास्तिकर के खिलाफ महामोर्चा निकालने की चेतावनी
पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

सत्ताधारी भाजपा सरकार के खिलाफ जारी आंदोलन की कड़ी में राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा कल और परसों (10, 11 मार्च) पिम्परी चिंचवड़ में ‘हल्लाबोल’ आंदोलन किया जा रहा है। ये आंदोलन भले ही अवैध निर्माण कार्य के नियमितीकरण, शास्तिकर माफी जैसे शहर के लंबित मसलों एवं सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ हो, मगर इसकी आड़ में राष्ट्रवादी द्वारा आगामी लोकसभा, विधानसभा चुनावों की तैयारियों का आगाज किया जा रहा है। इसे ध्यान में रख शिवसेना ने भी अवैध निर्माण और शास्तिकर के मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू की है। सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में शिवसेना सांसद श्रीरंग बारने ने शास्तिकर माफी की मांग को लेकर महामोर्चा का ऐलान किया है इसके लिए उन्होंने सरकार व प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया है।

महामोर्चा के ऐलान के पीछे राष्ट्रवादी के ‘हल्लाबोल’ आंदोलन की कोई पृष्ठभूमि है क्या? इससे जुड़े सवाल के जवाब में सांसद बारने ने शिवसेना द्वारा अवैध निर्माणों के नियमितीकरण और शास्तिकर माफी के मुद्दे पर शिवसेना द्वारा 2010 से लगातार किये जा रहे आंदोलनों के दाखिला देते हुए कहा कि, शास्तिकर का मसला राष्ट्रवादी और कांग्रेस की ही उपज है, साथ ही अवैध निर्माणों के नियमितीकरण का मसला लंबित रहने के लिये दोनों कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है जितनी कि भाजपा। इसके विपरीत शिवसेना द्वारा 2010 से मुंबई पैदल मोर्चा, नागपुर अधिवेशन, मंत्रालय पर मोर्चा, शहरभर लगातार सभाओं व आंदोलनों के ज़रिए इन मसलों को लगातार सरकार व प्रशासन के ध्यान में लाया जाता रहा है। शास्तिकर के खिलाफ महामोर्चा भी इन्हीं आंदोलनों का एक हिस्सा है, यह बताना भी वे नहीं भूले।

पिम्परी चिंचवड़ में 75 हजार से भी ज्यादा अवैध निर्माण हैं, उनसे मनपा को 500 करोड़ रुपये का शास्तिकर वसूल होना है। एक तरफ राष्ट्रवादी की भांति भाजपा द्वारा लगातार नियमितीकरण और शास्तिकर माफी का भरोसा दिलाया जा रहा है, दूसरी ओर मनपा द्वारा शास्तिकर की वसूली की जा रही है। अवैध निर्माणों से वसूले जानेवाला सम्पति कर शास्तिकर के रूप में जमा कर संपत्ति कर बकाया ही दर्शाया जा रहा है। लोगों से कहा जा रहा है कि शास्तिकर न चुकाए, मगर मनपा द्वारा 31 मार्च के पूर्व तक इसी तरीके से 7 करोड़ शास्तिकर वसूला गया है।नियमितीकरण के लिए सरकार द्वारा जटिल शर्तें रखी है, जिसके चलते लोग आवेदन नहीं दे रहे हैं। इन दोनों अहम मसलों पर आमजनों का सिर्फ और सिर्फ शोषण किया जा रहा है। यह आरोप लगाते हुए सांसद बारने ने महामोर्चा से पूर्व शहरभर विभागवार सभाओं के जरिए लोगों में जनजागृति की जाएगी, यह जानकारी भी दी। इस संवाददाता सम्मेलन में शिवसेना के विधायक गौतम चाबुकस्वार, शहरप्रमुख योगेश बाबर, महिला प्रमुख सुलभा उबाले, गुटनेता राहुल कलाटे, भगवान वाल्हेकर, रोमी संधू, माधव मुले आदि मौजूद थे।