राजस्थान उपचुनाव : गहलोत और पायलट के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही कांग्रेस

नई दिल्ली/जयपुर, 24 फरवरी (आईएएनएस)। राजस्थान में चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही है।

पायलट इन दिनों राज्य में किसान सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं और पार्टी इस समय एकजुट दिखना चाह रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि आगामी उपचुनाव जीतना सरकार के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है और यह कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला भी होगा। यही वजह है कि पार्टी सभी मोचरें पर एकजुटता दिखानी चाहती है।

सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में मामलों को वापस लेना भी इसी दिशा में एक कदम है, क्योंकि विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) महेश जोशी ने नई दिल्ली में महासचिव प्रभारी अजय माकन से मुलाकात की थी।

पायलट की ओर से पिछले साल स्पेशल लीव पिटीशन दायर की गई थी, जिसके बाद पायलट ने 19 विधायकों के साथ गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी, लेकिन बाद में तीखी नोकझोंक के बाद वापस लौट आए।

राजस्थान में चार सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनमें सुजानगढ़, वल्लभनगर, सहाड़ा और राजसमंद शामिल हैं। 2018 के चुनावों में कांग्रेस ने इनमें से तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं भाजपा ने राजसमंद की एक सीट जीती थी।

सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस को गुर्जर समुदाय के समर्थन की सख्त आवश्यकता है।

पार्टी में दरार स्पष्ट है, क्योंकि पायलट अलग से किसान सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं और राज्य में राहुल गांधी की रैली के दौरान भी पायलट को दरकिनार किया गया था और वहां केवल मुख्यमंत्री और राज्य के पार्टी प्रमुख को ही जगह दी गई थी, जिससे पायलट के समर्थक नाराज हुए।

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने इस तरह के कदम की आलोचना की थी।

सूत्रों का कहना है कि किसान पंचायत में जुटी भीड़ पूर्व उपमुख्यमंत्री की ताकत का प्रदर्शन है। हालांकि, पायलट ने ऐसी किसी भी दरार से इनकार किया और कहा था, मैं किसान समुदाय से ²ढ़ता से जुड़ा हुआ हूं। वास्तव में, मेरे पिता और मुझे सभी जातियों के साथ किसान समुदाय से पूरा आशीर्वाद मिला है। किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

–आईएएनएस

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