येदियुरप्पा ने कहा, मैं हमारे बच्चों को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतकर हमारे राज्य को गौरवान्वित करने के लिए बधाई देता हूं। आपने आज उपलब्धि प्राप्त की है, लेकिन आपको भविष्य में आने वाली कई पीढ़ियों के लिए रोल मॉडल के रूप में याद किया जाएगा।
इनोवेशन श्रेणी के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वाले नौ बच्चों में पुट्टर तालुक में बन्नूर के रहने वाले राकेश कृष्ण और बेंगलुरू के 10 वर्षीय वीर वी. कश्यप शामिल हैं।
सात बच्चों को कला और संस्कृति श्रेणी के तहत, पांच को स्कूली (स्कॉलास्टिक) उपलब्धियां, सात को खेल श्रेणी के तहत, तीन को बहादुरी वर्ग के तहत और एक छात्र को सामाजिक क्षेत्र की श्रेणी में पुरस्कार मिला है।
विवेकानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, पुत्तूर के छात्र राकेश कृष्ण ने कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया और कई कीर्तिमान स्थापित किए।
इनमें से एक है, व्यवस्थित खेती के लिए नॉवेल सीडर, जिसे उन्होंने बेंगलुरु में अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित जिग्नयासा 2018 प्रतियोगिता में प्रस्तुत किया था।
वहीं अन्य पुरस्कार विजेता 10 वर्षीय वीर वी. कश्यप मूल रूप से दिल्ली के हैं। उन्होंने कोविड-19 के समय एक बोर्ड गेम विकसित किया, जिसका नाम कोरोना युग रखा गया, जो अब ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने यह बोर्ड गेम उस समय विकसित की, जब वह बेंगलुरु में अपने परदादा-दादी के साथ लंबे समय तक छुट्टियां बिता रहे थे।
जब वह राष्ट्रव्यापी बंद के कारण अपने दादा-दादी के घर फंस गया था, तो उसने इस समय का बेहतर उपयोग करते हुए बोर्ड गेम विकसित की, जिसमें क्वारंटीन, सैनिटाइजर का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और बहुत कुछ शामिल है।
नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, 10 वर्षीय वीर कश्यप आर्मी पब्लिक स्कूल, नई दिल्ली में कक्षा पांचवीं के छात्र हैं और उन्हें क्रिकेट खेलना भी पसंद है। इसके अलावा वह गिटार, हारमोनियम, कीबोर्ड और पियानो भी बजाता है।
–आईएएनएस
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