युवा अविवाहितों के लिए शादी है शीर्ष प्राथमिकता 

पुणे: विश्व की नंबर 1 मैचमेकिंग सर्विस शादी डॉट कॉम ने अविवाहित लोगों की बदलती मानसिकता और विवाह के प्रति उनके विचार को समझने के लिये एक सर्वेक्षण किया। युवा अविवाहितों से जब उनके जीवन के लक्ष्यों को रेटिंग देने के लिए पूछा गया तो शादी उनकी सूची में सबसे पहले पायदान पर नजर आयी। इसके बाद करियर, उच्च शिक्षा प्राप्त करना, दुनिया की सैर करना और अपना घर खरीदने का नंबर आता है। महाराष्ट्र में हुए आॅनलाइन पोल में 20 से 35 वर्ष के 2417 भारतीय पुरूषों और महिलाओं के रिस्पांस प्राप्त हुये।

भारत में विवाह ऐतिहासिक रूप से एक पारिवारिक कार्यक्रम है, जिसमें अपने लिये सही जीवन साथी चुनने में अविवाहितों की भूमिका बहुत छोटी होती है। हालांकि नये चलन में अविवाहित लोग सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके मद्देनजर जब युवाओं से पूछा गया कि क्या वे विवाह की शुरूआत की लिए पहला कदम उठाएंगे, तो 88 प्रतिशत लोगों ने हां कहा और 13 प्रतिशत ने नहीं में जवाब दिया। टियर 1 और टियर 2 शहरों में इंटरनेट और सोशल मीडिया के प्रसार के कारण अविवाहित लोग इंटरनेट का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। इसे ध्यान में रख जब पूछा गया कि, आपको अपना जीवनसाथी कहां मिलेगा? तो 50 प्रतिशत ने आॅनलाइन-डिजिटल दुनिया में और 25 प्रतिशत ने कहा, अपने पसंदीदा कैफे/ रेस्टोरेन्ट का जवाब दिया। जबकि 13 प्रतिशत ने अपने पड़ोस और 12 प्रतिशत ने अपने वर्कप्लेस को उपयुक्त बताया। विवाह के प्रति बदलते विचारों को गहराई से समझने के लिये पूछा गया कि, आप कैसी शादी करना चाहेंगे, तो 50 प्रतिशत लोगों ने कहा, जिसकी शुरूआत मुझसे हो और मेरा परिवार उसे मंजूरी दे (नियोजित), जबकि 13 प्रतिशत ने कहा, उस जीवनसाथी के साथ जिसे मैंने ढूंढा है। वहीं 13 प्रतिशत ने कहा, मेरे परिवार द्वारा चुने गए साथी को जीवनसाथी बनाने की बात कही।

इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए शादी डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव रक्षित ने कहा, विगत दो वर्षों से हमारे मंच पर साइनअप करनेवालों की संख्या बढ़ी है। 75 प्रतिशत लोग अपने परिजन के लिये नहीं बल्कि अपने लिये जीवनसाथी चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, हमारी 5 मिलियन सफलतम कहानियों के साथ हमारा इंटरैक्शन यह बताता है कि सही जीवनसाथी चुनने के लिये अधिकांश अविवाहितों ने पहला कदम खुद उठाया और बाद में अपने पार्टनर का चुनाव करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ने पर अपने परिजनों को भी इसमें शामिल किया।