मौजूदा सभापति समेत 8 सदस्य स्थायी समिति से बाहर

पुणे : स्थायी समिति के सदस्य का कार्यकाल युं तो दो वर्षों का होता है, मगर आम चुनाव के एक साल बाद लॉटरी के जरिए आठ सदस्यों को समिति से बाहर होना पड़ता है। इस परंपरागत प्रणाली के अनुसार पुणे मनपा स्थायी समिति के सदस्यों का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद बुधवार को लॉटरी निकाली गई। इसमें समिति के मौजूदा सभापति मुरलीधर मोहोल समेत भाजपा के चार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो, शिवसेना और कांग्रेस के एक- एक सदस्य को समिति से बाहर निकलना पड़ा। नए सदस्यों का चयन फरवरी माह की सर्वसाधारण सभा में किया जाएगा। बहरहाल लॉटरी का ‘फटका’ लगने से इन सदस्यों के साथ ही सभापति बनने की मंशा रखनेवाले सत्ताधारी भाजपा के सदस्यों के चेहरों पर मायूसी नजर आयी।

लॉटरी के जरिए जिन आठ सदस्यों को स्थायी समिति से बाहर निकलना पड़ा उनमें भाजपा के मुरलीधर मोहोल, हरिदास चरवड, योगेश समेल, बॉबी टिंगरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस की प्रिया गदादे, रेखा टिंगरे, कांग्रेस के अविनाश बागवे और शिवसेना के नाना भानगिरे का समावेश है। जिस राजनीतिक पार्टी के जितने सदस्य लॉटरी से बाहर हुए हैं, उतने ही सदस्य स्थायी समिति में शामिल होंगे। चूंकि यह ‘विटामिन एम’ वाली समिति है, अत: इसमें ‘एंट्री’ पाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के नगरसेवकों में होड़ मच गई है। सत्ताधारी भाजपा के नगरसेवकों में यह होड़ ज्यादा नजर आ रही है क्योंकि स्पष्ट से ज्यादा बहुमत हासिल रहने से सभापति पद की ‘लॉटरी’ भी लग सकती है। हांलाकि इस होड़ में कौन बाजी मारेगा और कौन पीछे रह जाएगा, यह फरवरी माह की सर्वसाधारण सभा में ही स्पष्ट हो सकेगा।