मोदी व शी सीमा पर शांति, व्यापार व विश्वास बनाने के उपायों पर देंगे जोर

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| तमिलनाडु के महाबलिपुरम में 11 व 12 अक्टूबर को होने वाले दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा पर शांति बनाए रखने के साथ ही अतिरिक्त विश्वास बनाने के उपायों (सीबीएम) पर जोर देंगे। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है।

मई में मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक होगी। इससे पहले दोनों नेताओं ने बिश्केक में हुए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन शिखर सम्मेलन से इतर बैठक की थी। इसके अलावा ओसाका में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में भी दोनों की मुलाकात हुई थी।

दोनों पक्षों के बीच की तत्परता जाहिर करते हुए सूत्रों ने कहा कि यह पिछले साल की वुहान अनौपचारिक बैठक के बाद उनकी छठी मुलाकात होगी।

सीमा पर शांति बनाए रखना दोनों नेताओं की प्राथमिकता होगी क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों ही देशों की कोई सहमत धारणा नहीं बन सकी है। इसी कारण लद्दाख व डोकलाम क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़पें हो चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों नेताओं द्वारा अतिरिक्त सीबीएम पर निर्णय लिया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि मोदी और शी यह भी तय कर सकते हैं कि सीमा पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता का अगला दौर कब शुरू हो सकता है।

सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता भारत-चीन विकास भागीदारी को और अधिक बढ़ाने, व्यापार, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

वार्ता में भारतीय पक्ष से विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी शामिल होंगे, जबकि चीनी पक्ष से चीनी विदेश मंत्री वांग यी मौजूद रहेंगे।

सूत्रों ने कहा कि जयशंकर और डोभाल अपने समकक्षों से पहले भी मिल चुके हैं और महाबलिपुरम में भी उनके द्वारा अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठक करने की संभावना है।

सूत्रों ने कहा, “राजनीतिक संबंध अच्छे हुए हैं। दोनों पक्षों के विदेश मंत्रियों की बैठक हो चुकी है। रक्षा मंत्रालयों और गृह मंत्रालयों के बीच बातचीत हुई है। दोनों पक्षों के बीच बेहतर वार्ता हुई है।”

बैठक के दौरान मोदी और शी दिसंबर में होने वाले संयुक्त आतंकवाद-रोधी सहयोग अभ्यास पर भी चर्चा करेंगे।