मोदी ने भूटान में रुपे कार्ड लांच किया, 9 एमओयू पर हस्ताक्षर किए (लीड-1)

थिम्पू, 17 अगस्त (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां रुपे कार्ड लांच किया और नौ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इनमें से एक समझौते के तहत इसरो थिम्पू में अर्थ स्टेशन बनाएगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच एक बिजली खरीद समझौता भी हुआ। मोदी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर शनिवार को भूटान पहुंचे। प्रधानमंत्री यहां दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को अधिक मजबूत करने के लिए भूटानी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, “दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और लोगों को एक साथ लाने के लिए मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग लोतेय ने संयुक्त रूप से रुपे कार्ड लांच किया। इससे दोनों देशों के नागरिकों को सुविधा होगी।”

मांगदेचू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट के लिए बिजली खरीद समझौते पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से 720 मेगावाट के मांगदेचू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट का उद्घाटन किया।

एक समझौते के तहत थिम्पू में सैटकॉम नेटवर्क की स्थापना की जाएगी।

रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से ग्राउंड अर्थ स्टेशन और सैटकॉम नेटवर्क का उद्घाटन किया। इसका निर्माण इसरो के सहयोग से किया गया है। इससे भूटान के सुदूर इलाकों में रहने वालों को काफी सुविधा होगी।

अन्य समझौते के तहत विमान हादसे और दुर्घटना की जांच, न्यायिक शिक्षा, अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विधिक शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एमओयू किए गए।

इससे पहले मोदी के थिम्पू पहुंचने पर भूटानी समकक्ष त्शेरिंग लोतेय ने उनकी अगवानी की।

रवीश कुमार ने ट्वीट किया, “हमारी ‘नेबरहुड फस्र्ट’ नीति का केंद्रीय स्तंभ रहे भूटान के लिए प्रधानमंत्री मोदी की यह दूसरी यात्रा है और पुन: सरकार बनाने के बाद पहली यात्रा है। दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय आदान-प्रदान जारी है।”

कुमार ने प्रधानमंत्री के भूटान पहुंचने की तस्वीरें भी ट्वीट की। उन्होंने कहा, “भूटान के प्रधानमंत्री और दूसरे मंत्रियों ने प्रधामंत्री मोदी का पारो हवाईअड्डे पर भव्य स्वागत किया।”

भूटान यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हिमालयी राष्ट्र के महत्व को उनकी सरकार भली भांति जानती है और उनके मौजूदा कार्यकाल के प्रारंभ में ही हो रही यह यात्रा भारत और भूटान के बीच ठोस संबंधों को रेखांकित करती है।