मेगा इनोवेशन क्लस्टर समय की जरूरत- मोहन रेड्डी

हैदराबाद, 15 अगस्त (आईएएनएस)। सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के एक प्रमुख चेहरे और नैसकॉम के पूर्व अध्यक्ष बी.वी.आर. मोहन रेड्डी का मानना है कि भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर अग्रणी उत्पादों और सेवाओं को नया करने के लिए मेगा इनोवेशन क्लस्टर्स की जरूरत है।

रेड्डी के अनुसार, मेगा इनोवेशन क्लस्टर एक बड़ा विचार है जो देश को आगे ले जा सकता है, क्योंकि यह अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहा है।

उनका मानना है कि अग्रणी उत्पादों और सेवाओं में नवोन्मेष के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रयोग से भारत कई देशों से आगे निकल जाएगा।

एक प्रमुख डिजिटल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कंपनी साइएंट के संस्थापक अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्य ने आईएएनएस को बताया,इतिहास हमें बताता है कि देश की आर्थिक प्रगति का देश में शिक्षा और कौशल से सीधा संबंध है। गहन शोध से गहन ज्ञान और नई उभरती प्रौद्योगिकियों का जन्म होता है। उभरती विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के लिए कौशल के अनुप्रयोग से नए उत्पादों और प्रक्रियाओं का उदय होगा।

साल 2017 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्नानित रेड्डी ने कहा, यह प्रौद्योगिकी के त्वरण के रूप में और अधिक सही होगा और इसका अनुप्रयोग पहले से कहीं अधिक तेजी से होगा। प्रौद्योगिकी जीवन के हर क्षेत्र में व्यापक और सर्वव्यापी हो जाएगी। उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एआई, 5 जी, गतिशीलता, वैयक्तिकरण और अन्य, उत्पादों और सेवाओं में भारी संख्या में उपयोग शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि कई उभरती हुई प्रौद्योगिकियां वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशालाओं आदि में शामिल हैं।।

उन्होंने इंजीनियर्ड इन इंडिया ब्रांड की स्थापना की और कई फॉर्च्यून 100 कंपनियों सहित कई अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को संचयी निर्यात में 5 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान करने के लिए साइएंट का नेतृत्व किया।

उन्होंने 2015-16 में भारतीय आईटी उद्योग के शीर्ष निकाय, नैसकॉम के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और 2003 से इसकी कार्यकारी परिषद के सदस्य रहे हैं और उद्योग के एजेंडे को आकार देना जारी रखते हैं।

रेड्डी ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई नेतृत्व पदों पर कार्य किया है। वर्तमान में, वह आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी रुड़की के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं। वह यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में लीडरशिप एडवाइजरी बोर्ड (लैब) के सदस्य हैं, और कोर्ट ऑफ गवर्नर्स ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई) के सदस्य हैं।

2017 में, उन्हें व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म श्री मिला।

वह अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (सीआईई डिवीजन) के विशिष्ट नेतृत्व पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी हैं। उन्हें हैदराबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन, हैदराबाद सॉफ्टवेयर एंटरप्राइजेज एसोसिएशन (हाइसेआ), और सेंटर फॉर ऑर्गनाइजेशन डेवलपमेंट (सीओडी) द्वारा उनके उद्योग नेतृत्व, कॉपोर्रेट उत्कृष्टता और संस्थान निर्माण को मान्यता देते हुए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। आईआईटी कानपुर से विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार प्राप्त करने वाले रेड्डी इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के फेलो भी हैं।

–आईएएनएस

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