मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने पुलिस बंदोबस्त का रु 13.42 करोड़ अदा नहीं किया

मुंबई – मुंबई पुलिस दल के हजारों पुलिस क्रिकेट वर्ल्ड कप के बंदोबस्त के लिए तैनात किए जाते हैं जिसका बंदोबस्त शुल्क देने से मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने बड़ी देरी की हैं। पिछले 17 क्रिकेट मैच को उपलब्ध कराई पुलिस बंदोबस्त का रु 13.42 करोड़ आजतक अदा न करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई पुलिस ने दी हैं। एनसीपी नेता शरद पवार और भाजपा नेता आशिष शेलार के पैनल का राज मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन पर होने से मुंबई पुलिस सावधानी बरत रही हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई पुलिस से गत 10 वर्ष में संपन्न हुए क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए उपलब्ध कराई पुलिस बंदोबस्त और शुल्क की जानकारी मांगी थी। जन सूचना अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त (समन्वय) तानाजी सुरुलकर ने बंदोबस्त शाखाने दी हुई जानकारी उपलब्ध करत माहिती दिली की  3 आयसीसी टी-20 क्रिकेट विश्वकप, महिला विश्वकप, प्रैक्टिस मैच, टेस्ट और वन-डे मैच असे 17 मैच खेले गए। इन मैच के शुल्क का 13 करोड़ 41 लाख 74 हजार 177 इतनी रकम अदा करना जरुरत थी लेकिन गत 62 महीने से यह रकम मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने अदा नहीं की हैं।

गत 62 महीने से बकाया करोडों की रकम वसूल करने की जो कार्यवाही शुरु की हैं उसपर आनेवाला ब्याज पर मुंबई पुलिस ने पानी छोड़ दिया हैं।  रु 13.42 करोड़ की बकाया रकम पर ब्याज न लेने की मुंबई पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया जा रहा हैं।। इसके पहले वर्ष 2008 से 2011 के दरम्यान हुए मैच का बंदोबस्त शुल्क रु 34 करोड़ 33 लाख 44 हजार 618 अदा किया गया हैं। उसका शुल्क इंडिया विन स्पोर्ट्स प्राईवेट लिमिटेड ने किश्तों में पैसे अदा किए औऱ मुंबई पुलिस ने किसी भी तरह का ब्याज वसूला नहीं। अनिल गलगली ने इसके पहले 2016 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा था लेकिन मुंबई पुलिस ने किसी भी तरह की कारवाई नहीं की।

अनिल गलगली के अनुसार पुलिस बंदोबस्त की दम पर बड़े पैमाने पर प्रॉफिट कमानेवाली मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को बंदोबस्त शुल्क ताबडतोब अदा करने की जरुरत हैं। सशस्त्र दल की लापरवाही से शुल्क वसूल नहीं किए जाने से पुलिस आयुक्त जिम्मेदार अधिकारियों पर नियमानुसार कारवाई करे और ऐसे मैच का शुल्क मैच खत्म होते ही वसूल करे या क्रिकेट की प्रतियोगिता के आयोजक से पहले ही शुल्क वसूल करे। जिससे पुलिस को बंदोबस्त का शुल्क वसूली करने में दिक्कत का सामना करने की नौबत नहीं आए।