मानव तस्करी गिरोह की शिकार हुई बांग्लादेशी महिलाएं

ढाका, 31 अगस्त (आईएएनएस)। दुबई में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी के लालच में बांग्लादेशी महिलाएं मानव तस्करी गिरोह का शिकार हो रही हैं। इसकी जानकारी पुलिस ने दी।

आरएबी-3 की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीना रानी दास ने कहा कि एक बार जब महिलाएं दुबई पहुंच जाती हैं तो तस्कर उनके पासपोर्ट जब्त कर लेते हैं और उन्हें सेक्स स्लेव की तरह काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

आरएबी-3 ने अपराध के सिलसिले में 1 अगस्त को एक महिला समेत चार संदिग्धों को राजधानी के डेमरा शहर के बाहरी इलाके केरानीगंज और मानिकगंज जिले से गिरफ्तार किया है।

चार संदिग्धों की पहचान शमीमा अख्तर, शंकर विश्वास, शेख हनीफ मिया और ज्वेल हुसैन के रूप में हुई है।

दास ने आगे कहा कि संदिग्धों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन तब चलाया गया जब पीड़िता की मां ने आरएबी-3 कार्यालय में आकर शिकायत दर्ज कराई।

पीड़ितों ने कहा कि अच्छी नौकरी के नाम पर उनकी तस्करी के बाद दुबई सहित कई जगहों पर उनका यौन शोषण किया गया।

पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह अच्छी नौकरी का झांसा देकर महिलाओं को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत देशों में अलग-अलग जगह पर उनकी तस्करी करता है।

बड़ी संख्या में बांग्लादेशी महिलाएं हर साल मानव तस्करी का शिकार हो रही हैं और ऐसे मामलों में कम सजा दर अपराधियों को उनके कुकृत्य को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि गिरोह के सदस्य लक्षित महिलाओं के लिए पासपोर्ट, वीजा और टिकट समेत तमाम कागजात तैयार करते हैं।

इससे पहले, तस्करी वाले देश की ट्रैवल एजेंसियों के समर्थन से महिलाओं की तस्करी के लिए कई हथकंडे अपनाएं जाते थे।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के उपायुक्त फारुक हुसैन ने आईएएनएस को बताया कि तस्करी का गिरोह महिला तस्करों का एक संगठित गिरोह है और वे लंबे समय से बांग्लादेश में सक्रिय हैं।

दुबई में कई बांग्लादेशी लड़कियां हैं। उनमें से कई बीमार पड़ गई हैं, लेकिन उन्हें आपातकालीन उपचार के लिए अस्पताल नहीं भेजा गया और यहां तक कि वापस बांग्लादेश भी नहीं भेजा गया।

पुलिस अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि पकड़े गए तस्कर कानून की खामियों का फायदा उठाकर जेल से बाहर आ जाते हैं।

–आईएएनएस

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