कलबुर्गी में मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के साथ बैठक के मौके पर निरानी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने स्वीकार किया था कि मांड्या जिले के पांडवपुरा तालुक में बेबी बेट्टा (पहाड़ी) में अवैध खनन गतिविधि की गई थी, लेकिन अब ऐसा नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा, पहाड़ी प्रतिष्ठित बांध से 10 किमी दूर है। लेकिन मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मैंने चार महीने पहले व्यक्तिगत रूप से इस क्षेत्र का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को सभी अवैध खनन गतिविधियों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया। मांड्या जिले के खान और भूविज्ञान विभाग ने लिया। इन गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े फैसले लिए। तब से अब तक कोई भी अवैध खनन या उत्खनन गतिविधि नहीं देखी गई है।
मंत्री ने कहा कि अगर मांड्या सांसद (सुमालता) या किसी और को लगता है कि इस क्षेत्र में कोई अवैध गतिविधि चल रही है, तो उन्हें आरोपों को साबित करने के लिए वैध सबूतों के साथ सामने आना चाहिए।
उन्होंने कहा, ये आरोप न केवल संवेदनशील हैं, बल्कि राज्य के साथ-साथ पड़ोसी राज्य में भी लाखों लोगों में दहशत पैदा करते हैं।
एक सवाल के जवाब में निरानी ने कहा कि राज्य सरकार निश्चित रूप से आरोपों की निष्पक्ष जांच शुरू करेगी, बशर्ते अगर कोई पर्याप्त सबूत के साथ सामने आए।
उन्होंने कहा, यहां कोई निहित स्वार्थ नहीं है। सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को इस तरह के अवैध खनन या किसी अन्य अवैध गतिविधि से सबसे प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पिछले सात दशकों से खनन गतिविधि चल रही थी, लेकिन राज्य में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा, हम केआरएस बांध के मौजूदा 10 किलोमीटर के बजाय 20 किलोमीटर के आसपास खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में हैं। हम इस मामले पर कानूनी और सिंचाई विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
निरानी के बयान मांड्या सांसद द्वारा पिछले एक सप्ताह से लगाए जा रहे आरोपों के बाद आए हैं कि केआरएस बांध के आसपास के क्षेत्र में अवैध खनन चल रहा है।
यह एच.डी. कुमारस्वामी और सुमालता सहित जद (एस) के नेताओं के बीच घमासान में बदल गया।
केआरएस बांध राज्य की सबसे पुरानी संरचनाओं में से एक है। यह मांड्या जिले में अपनी सहायक नदियों हेमावती और लक्ष्मण तीर्थ के साथ कावेरी नदी के संगम के नीचे सुरखी मोर्टार से बना एक गुरुत्वाकर्षण बांध है।
–आईएएनएस
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