उन्होंने कहा, यह काफी विडंबनापूर्ण है। हम में से कई लोग अभी भी अपने मूल अधिकारों से वंचित हैं और समान अवसर अभी भी एक मिथक है।
उन्होंने कहा, मुझे यह परेशान करता है कि महिलाओं को इस बात के आधार पर आंका जाता है कि वे कैसे कपड़े पहनती हैं और किस तरह बोलती हैं। यदि हम समाज की नैतिकता का पालन नहीं करते हैं, तो हमें अलग-अलग मनगढं़त नामों से बुलाया जाता है।
अभिनेत्री जल्द ही आश्रम 2 में दिखाई देगी और वह कहती है कि अपने काम से वह हमेशा उन मुद्दों को उजागर करने का कोशिश करेगी जो महिलाओं की सुरक्षा और विकास के संबंधित हैं।
मैं उन मुद्दों को सामने लाना चाहती हूं जो आज भी महिलाओं को प्रभावित कर रहे हैं। आपराधिक न्याय : बंद दरवाजे के पीछे में मैंने एक वकील की भूमिका निभाई और घरेलू दुर्व्यवहार और हिंसा के मामले उठाए। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन में ऐसे मामलों में देखे गए। घरेलू दुरुपयोग अभी भी बहुत ही बड़ा मुद्दा है। कोई भी इसके बारे में बात नहीं करता, क्योंकि यह बंद दरवाजों के पीछे होता है।
अनुप्रिया पहले से ही सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता पैदा करती आ रही हैं।
उन्होंने कहा, मैंने अपने सोशल मीडिया पर जागरूकता पैदा करना शुरू कर दिया है। जहां मैं महिलाओं के साथ भेदभाव से जुड़े अन्य व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करती हूं। मैं लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती हूं।
–आईएएनएस
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