महाराष्ट्र में चुनाव बाद गठबंधन के खिलाफ दायर याचिका खारिज

नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अखिल भारत हिंदू महासभा के सदस्य द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें महाराष्ट्र में चुनाव के बाद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस के गठबंधन को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई। न्यायमूर्ति एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लोकतंत्र में अदालतें एक राजनीतिक दल को दूसरे पर भरोसा करने से नहीं रोक सकती हैं। अदालत ने कहा, “अदालत को मतदान पूर्व या मतदान के बाद किए गए गठबंधन पर क्यों जाना चाहिए। अदालतों से ऐसे क्षेत्र में जाने की अपेक्षा न करें, जहां उसका कोई अधिकार क्षेत्र न हो।”

याचिका दायर करने वाले प्रमोद पंडित जोशी के वकील ने दलील दी कि चुनाव पूर्व घोषणापत्र में वादे भाजपा-शिवसेना सरकार के संदर्भ में किए गए थे और लोगों ने चुनाव में उसी आधार पर मतदान किया था।

इस पर न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र में बहुत कुछ कहते हैं। उन्होंने कहा, “क्या हम उन्हें घोषणापत्र को लागू करने के लिए निर्देश दे सकते हैं?”

अपने एक फैसले का हवाला देते हुए अदालत ने कहा, “संवैधानिक नैतिकता राजनीतिक नैतिकता से अलग है।”

न्ययमूर्ति रमना ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा चुनाव के बाद बनाए गठबंधन के खिलाफ याचिकाकर्ता की दलील स्वीकार कर ली जाती है तो फिर लोकतंत्र का कोई मायने नहीं रह जाएगा।

सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी।