महाराष्ट्र को अस्थिरता से नुकसान पहुंचाने की भूमिका नहीं

शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत
पिंपरी, चार साल पूर्व भाजपा ने गठबंधन तोड़ा तब नरेंद्र मोदी की लहर में भी शिवसेना के 63 विधायक जीते, अब हमने अलग चुनाव लड़ने का फैसला कर चुनाव का बिगुल बजा दिया है। 2019 में हमारे 150 विधायक जीतेंगे। यह विश्वास जताते हुए शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने पिंपरी चिंचवड़ में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि, महाराष्ट्र को अस्थिर बनाकर नुकसान पहुंचाने की हमारी भूमिका नहीं है। राज्य अस्थिर हुआ तो उसे ध्वस्त करने के लिए कई शक्तियां इस देश में मौजूद है।
राऊत के इस बयान से फिलहाल शिवसेना सरकार से बाहर नहीं होगी, यह स्पष्ट हो गया है। सत्ता में रहकर गलत काम व फैसलों का विरोध करने के लिए हिम्मत की जरुरत होती है। अब तक राज्य में विपक्ष है या नहीं पता नहीं चल रहा था। अब कहीं जाकर राष्ट्रवादी हल्लबोल, डल्लाबोल आंदोलन कर रही है। जबकि कांग्रेस की स्थिती तो जीरो समान हो गई है। हमने चुनाव का बिगुल बजा दिया है और चुनाव में भाजपा ही हमारी प्रमुख विरोधी रहेगी, क्योंकि सत्ताधारी ही प्रमुख विरोधी पार्टी होती है, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।
केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार रहने के बाद भी मराठी भाषा को अभिजात दर्जा नहीं मिल पा रहा हे, शिवसेना इसके लिए सालों से संघर्षरत है और रहेगी। भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटिल कर्नाटक में जाकर कन्नडों का गुणगान कर रहे हैं, उनके सहयोगी दल आरपीआई के मंत्री रामदास आठवले नक्सलियों को अपना बता रहे हैं, ऐसे में भाजपा हिंदुत्ववादी रही या नहीं? यह सवाल खड़ा हुआ है। अपने मंत्रियों को उन्हें समझाइश देनी चाहिए। भाजपा को मराठी भाषियों व सीमा मसले से कोई लेना- देना नहीं है, यह आरोप भी उन्होंने लगाया।
शिवसेना के स्वबल पर चुनाव लड़ने का ऐलान करते ही भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने शिवसेना के पांच सांसद भी नहीं जीत सकने की टिप्पणी की थी। इस बारे में पूछने पर शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि ये काकडे कौन है हमें नहीं पता, उन्होंने अपनी पार्टी के लिए शायद ऐसा बयान दिया होगा। इसके लिए उनका दिमाग चेक करना होगा। इस मौकेपर सांसद श्रीरंग बारणे, शहरप्रमुख योगेश बाबर, मनपा के गुटनेता राहुल कलाटे, महिला संगठक सुलभा उबाले, संगठक गोविंद घोलवे, पूर्व नगरसेवक धनंजय आल्हाट आदि उपस्थित थे।