महापौर बदलाव का फैसला शीर्ष स्तर पर ही

विधायक लक्ष्मण जगताप की जानकारी

पिंपरी: स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव से मचे सियासी घमासान का लाभ उठाने में जुटे सत्ताधारी भाजपा के दूसरे गुट ने महापौर बदलाव का नारा बुलंद किया है। आज स्थायी समिति अध्यक्ष चुनाव के लिए पिम्परी चिंचवड़ मनपा मुख्यालय पहुंचे भाजपा के शहाध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि महापौर पद के बारे में पार्टी के शीर्ष स्तर पर फैसला होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे इसका फैसला करेंगे।

स्थायी समिति अध्यक्ष पद पर लगातार दूसरे साल पिछड़े वर्ग की महिला को मौका देकर भाजपा ने न केवल शहर बल्कि पूरे राज्य में अलग संदेश दिया है। यह मत व्यक्त करते हुए जगताप ने एक सवाल के जवाब में कहा कि, ममता गायकवाड को प्रत्याशी तय करने का फैसला शीर्ष नेताओं का था, जिसके बारे नामांकन दाखिल करने की दिन तक खुद उनको भी कुछ पता नहीं था। पार्टी में फैली नाराजगी और इस्तीफों के दौर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इच्छुक ज्यादा हो तो नाराजगी फैलना लाजिमी है, मगर वह क्षणिक ही होती है। इस मामले में भी यही हुआ, सभी की नाराजगी दूर कर ममता गायकवाड की जीत पर सभी ने मान्यता को मुहर लगाई। भाजपा में कोई गुटबाजी नहीं है, यह बताना भी वे नहीं भूले। हांलाकि विधायक महेश लांडगे की गैरमौजूदगी कुछ और ही बयां कर रही थी।

ज्ञात हो कि स्थायी समिति अध्यक्ष पद के लिए विधायक जगताप समर्थक ममता गायकवाड़ को प्रत्याशी घोषित किये जाने से नाराज विधायक महेश लांडगे समर्थक राहुल जाधव जो इस पद हेतु तीव्र इच्छुक थे, के साथ महापौर नितिन कालजे के साथ साथ दूसरे इच्छुक शीतल शिंदे और लांडगे समर्थक व क्रीड़ा समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सस्ते ने अपने पदों से इस्तीफा दिया। इन इस्तीफों पर आब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। जहां इस  घमासान का लाभ उठाकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी मोरेश्वर भोंडवे शिवसेना और भाजपा के असंतुष्टों से मिलकर नई रणनीति बनाने में जुटे रहे। वहीं इसी घमासान के बीच विधायक लक्ष्मण जगताप समर्थकों ने महापौर बदलाव का नारा बुलंद कर दिया। उनके समर्थक नगरसेवक सुरेश भोईर, चंद्रकांत नखाते, राजेंद्र गावडे, तुषार कामठे, अभिषेक बारणे ने विधायक जगताप से मुलाकात कर महापौर पद पर वरिष्ठ नगरसेवक शत्रुघ्न काटे को मौका देने की गुहार लगाई है। सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा में पदों के बंटवारे को जो नीति तय की गई है उसके अनुसार लांडगे समर्थक महापौर नितिन कालजे का सवा वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। अब स्थायी समिति अध्यक्ष के बाद इस पद पर जगताप समर्थकों की नजर है। इसके लिये स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव से शुरू हुए घमासान और विधायक लांडगे समर्थकों के इस्तीफों के दौर को विधायक जगताप समर्थकों द्वारा एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

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