महापौर की फिसली जुबान; हंगामे के बीच जलकर वृद्धि का प्रस्ताव मंजूर

पिम्परी। जलकर वृद्धि के प्रस्ताव पर भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविकाओं के बीच बहस को शांत करने के दौरान महापौर नितिन कालजे की जुबान फिसल गई। दोनों शांत होकर नीचे बैठें अन्यथा दोनों को सभागृह से बाहर निकाल दें। इस धमकी के बाद सभागृह में हंगामा मच गया, इसी दौरान महापौर ने प्रस्ताव मंजूरी की घोषणा कर दी। इस पर विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महापौर का मानदंड छीनने की कोशिश की। हंगामे के बीच ही सभा का कामकाज निपटाया गया।

जलकर वृद्धि के प्रस्ताव पर दिघी क्षेत्र से राष्ट्रवादी की नगरसेविका विनया तापकिर ने अपने क्षेत्र में पानी की किल्लत का मुद्दा उठाया। इस पर इसी प्रभाग से भाजपा की दूसरी नगरसेविका सुवर्णा बोरुडे ने तापकिर पर कटाक्ष करते हुए बीते पांच सालों में क्या किया? यह सवाल उठाया। इस पर दोनों नगरसेविकाओं के बीच विवाद छिड़ गया।

दोनों नगरसेविकाओं को शान्त बैठने की हिदायत देते हुए महापौर नितिन कालजे की जुबान फिसल गई और उन्होंने दोनों को निकाल बाहर करने की धमकी दे दी। इस पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई और हंगामा खड़ा कर दिया। इसी दौरान महापौर ने प्रस्ताव मंजूरी की घोषणा कर दी। इस पर राष्ट्रवादी, शिवसेना, मनसे के नगरसेवकों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मानदंड छिनने की कोशिश की। जवाब में भाजपा सदस्यों ने भी नारेबाजी की। महापौर यहाँ भी सदस्यों को कार्रवाई करने को लेकर खुलेआम धमकाते रहे। स्थायी समिति अध्यक्ष सीमा सावले ने भी उनका पुरजोर समर्थन किया। हंगामे के बीच ही सत्ताधारी दल ने सभा के समक्ष अन्य प्रस्तावों पर अपनी सहूलियत के हिसाब से फैसले करते हुए कामकाज निपटा दिया।

यह दरवृद्धि आमजनों के लिए नहीं की गई है। पानी इस्तेमाल में बचत की नीति अपनाई जा सके ऐसा इस फैसले का उद्देश्य है। 6000 लीटर पानी मुफ्त देना भी इसमें शामिल है। यह बयान देकर सत्ताधारी दल ने अपने फैसले का समर्थन किया है। राष्ट्रवादी ने तो अपने कार्यकाल में शहरवासियों को पानी से वंचित रखा। हमने सुधार कर थोड़ी दरवृद्धि की है। यह आरोप भी सभागृह नेता एकनाथ पवार ने सभा के बाद संवाददाता सम्मेलन में लगाया। महापौर नितिन कालजे, स्थायी समिति अध्यक्षा सीमा सावले, वरिष्ठ नगरसेविका आशा शेंडगे उपस्थित थी।