महज भंगार चोरी करना था मकसद इसलिए सिक्युरिटी गार्ड की हत्या कर रास्ते से हटाया

– 11 साल के बच्चे को भी पिता ने इस हत्या में किया शामिल

– भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन की टीम ने 72 घंटे में गिरफ्तार किया आरोपी को

पुणे – नौकरी जाने के बाद भंगार चोरी करने में सिक्युरिटी गार्ड की वजह से अड़चन पैदा हो रही थी, कमाई का सभी जरिया खत्म होते देख आरोपी ने रास्ते का पत्थर बने सिक्युरिटी गार्ड को रास्ते से हटाने की ठानी, नींद में ही सिक्युरिटी गार्ड की तेजधार हथियार से वार करके हत्या करके फरार हुए आरोपी को भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन ने 72 घंटे में गिरफ्तार किया है. ताजुब की बात यह है कि इस आरोपी ने इस हत्याकांड में अपने 11 साल के बच्चे को भी शामिल किया था, बच्चे ने सबूत मिटाने के लिए पिता का पूरी तरह से साथ दिया और हत्या का भागीदार बन गया.

तकनीकी अध्ययन के जरिए आरोपी तक पहुंची पुलिस

भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन तीन दिन पहले सिक्युरिटी गार्ड आरिफ कासमखान पठाण की हत्या कर दी गई थी, इस मामले में पुलिस ने शकील बाबू तांबोली (उम्र 35 ) को गिरफ्तार किया है. इस केस की जांच में उल्लेखनीय कार्य करते हुए भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मचारी अमोल पवार और कुंदन शिंदे ने तकनीकी जानकारी का अध्ययन करके आरोपी की जानकारी निकालने में अहम भूमिका निभायी. घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की बरीकी से जांच करने के बाद फुटेज में एक छोटा बच्चा और 35 वर्षीय व्यक्ति दिखाई दे रहा था. इस फुटेज में कैद हुए बच्चे और पिता की इमेज नागरिकों को दिखाए गए, बच्चे और आरोपी की पहचान होने में काफी मदद हुई.

तकनीकी तरीके से आरोपी ने भी पुलिस को उलझाने की काफी कोशिश की थी, आरोपी ने हत्या करने से पहले अपना मोबाइल घर पर छोड़ दिया था. जिससे अगर हत्या का शक आरोपी पर आया तो मोबाइल लोकेशन की वजह से घर पर होने की ही बात बताकर अपने ऊपर लगाए गए आरोप से बचने की पूरी कोशिश आरोपी की थी. लेकिन क्राइम कितना भी बड़ा और अपराधी कितना भी शातिर हो, पर पुलिस से बच नहीं सकता. सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी को पकड़ने में पुलिस को काफी मदद हुई.

हत्या के बाद भंगार चुराकर कमाए पैसे

आरोपी को पुणे के धानोरी इलाके से हिरासत में लिया गया था. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने हत्या को अंजाम देने की बात स्वीकार की. नाबालिग बच्चे को भी इस मामले में हिरासत में लिया गया है. आरोपी द्वारा हत्या करने के बाद उसके बेटे ने सबूत मिटाने में पिता की मदद की थी और घटना को अंजाम देने के बाद वहां से भंगार चोरी करके दोनों वहां से फरार हो गए थे. भंगार बेचकर आरोपी ने पैसे भी कमाए थे. यह बात आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बतायी.

महज भंगार बनी हत्या की वजह
रतन मोटर्स इस कंपनी में शकील तांबोली और उसका पिता पहले सिक्युरिटी गार्ड के रूप में काम किया करते थे. पर कंपनी ने किसी वजह से शकील तांबोली को काम से निकाल दिया था. जिसकी वजह से शकील तांबोली को भंगार चोरी करने में दिक्कत आ रही थी. काम से निकाले जाने के बाद भी कंपनी के आसपास आरोपी चक्कर लगाया करता था, जिसपर से मृतक आरिफ कासमखान पठाण ने फटकारा भी था और दोनों के बीच इस बात को लेकर वाद विवाद हुआ था. इस वाद विवाद के बाद आरोपी का कंपनी के पास जाना मुश्किल हो गया और भंगार भी चोरी नहीं कर पा रहा था. इसलिए मृतक आरिफ पठाण को रास्ते से हटाना का प्लानिंग बनाया और इस प्लान में अपने बेटे को भी शामिल कर लिया. रात के समय आरिफ पठाण जब सोया हुआ तो तब यह दोनों घटनास्थल पर दाखिल हुए और आरोपी शकील तांबोली ने तेजधार हथियार से वार करके हत्या कर दी थी.

यह कारवाई भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर कमलाकर ताकवले, पुलिस इंस्पेक्टर (क्राइम) राजकुमार वाघचवरे, जांच दल के पुलिस सब इंस्पेक्टर दत्ताजीराव मोहिते और पुलिस कर्मचारी अमोल पवार, कुंदन शिंदे, चंद्रकांत फडतरे, कृष्णा निढालकर, सचिन ढवले, प्रणव संकपाल, उज्वल मोकाशी, सरफराज देशमुख, अभिजीत रत्नपारखी, महेश मंडलिक, गणेश चिंचकर, शिवदत्त गायकवाड, जगदीश खेडेकर ने की है.