मप्र में भाजपा के चेहरे पर कालिख पोत रहे नेता पुत्र!

भोपाल, 26 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का इतिहास उजला रहा है। यहां के नेताओं ने हमेशा मिसाल पेश की है। मगर इन दिनों भाजपा के साफ -सुथरे चेहरे पर नेताओं के पुत्र ही कालिख पोतने में लग गए हैं। भाजपा के लिए इस कालिख को मिटाना आने वाले दिनों में आसान नहीं होगा, क्योंकि भाजपा के हाथ से राज्य की कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाने का मौका हाथ से निकलने के आसार जो बनने लगे हैं।

राज्य में बीते एक माह के दौरान भाजपा के चार बड़े नेताओं के पुत्रों से जुड़े मामले सामने आए हैं। पहला मामला भाजपा के पूर्व मंत्री कमल पटेल के बेटे संदीप पटेल से जुड़ा है। संदीप पर कांग्रेस नेता सुखराम बामने को लोकसभा चुनाव के दौरान धमकाने का आरोप लगा, जिस पर पुलिस ने उनपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया और गिरफ्तार किया।

भाजपा नेता कमल पटेल के बेटे का मामला शांत भी नहीं पड़ा था कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल पटेल और उनके भतीजे व विधायक जालम सिंह पटेल के बेटे मोनू पटेल पर मारपीट का आरोप लगा।

नया मामला इंदौर में बुधवार को भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय का सामने आया है। उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से नगर निगम के अधिकारी की पिटाई कर दी। इस मामले में आकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

कांग्रेस की राज्य इकाई की मीडिया विभाग प्रमुख शोभा ओझा ने इंदौर की घटना की निंदा करते हुए कहा, “भाजपा नेताओं के पुत्र लगातार लोगों को धमकाने में लगे हैं। इंदौर नगर निगम पर भाजपा का कब्जा है। वहां भाजपा महापौर मालिनी गौड़ और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक मतभिन्नता अब चरम पर है और हिसक हो चली है। कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भाजपा महापौर मालिनी गौर को सीधी चुनौती देते हुए आज सरे राह निगमकíमयों की पिटाई की। बीते दिनों भी एक पुल के लोकार्पण समारोह में खुले आम भाजपा विधायक और भाजपा महापौर की लड़ाई सामने आई थी। बुनियादी रूप से यह जनहित की नहीं, राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई है।”

भाजपा नेता पुत्रों से जुड़े मामले पर पार्टी नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रहलाद पटेल के बेटे के खिलाफ विद्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। चौहान का दावा है कि प्रहलाद पटेल का बेटा घटना के दिन मौके पर था ही नहीं।

राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा कहते हैं, “सत्ता से बाहर हुई भाजपा के नेता पुत्रों की कारगुजारियां पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा रही हैं। इन घटनाओं के सामने आने से एक बात तो जाहिर हो गई है कि जब पार्टी विपक्ष में है और इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही है तो जब सत्ता में रहे होंगे तब इन लोगों ने किस तरह के कृत्य किए होंगे।”

भाजपा नेता पुत्रों की कारगुजारियां नुकसान का कारण बनने वाली है। क्योंकि पार्टी राज्य की कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाने का मन बना रही थी। पिछले दिनों भाजपा कार्यकर्ताओं और अनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोगों पर हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर भाजपा नेता लगातार हमला बोल रहे थे। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने तो प्रदेश सरकार पर राज्य को बंगाल बनाने तक का आरोप लगा डाला था। मगर अब भाजपा को रक्षात्मक हो गई है।