मतदान का हक सर्वोच्च अधिकार : डॉ.रणबीर

नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)| भारत के संविधान में सभी नागरिकों को विभिन्न अधिकार प्रदान किए गए हैं। इनमें मतदान का अधिकार सर्वोच्च अधिकार है। यह बात दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) डॉ.रणबीर सिंह ने शनिवार को 10वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही।

कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय द्वारा इंदिरा गांधी टेक्निकल यूर्निवसिटी, कश्मीरी गेट स्थित ऑडिटोरियम में किया गया।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस-2020 की थीम निर्वाचन जागरूकता-सशक्त लोकतंत्र है।

डॉ. सिंह ने मतदान प्रक्रिया में व्यापक भागीदारी के लिए मतदाताओं से अपील की। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्ग से जुड़े पांच मतदाताओं को वोटर आईडी कार्ड वितरित किए जिसमें दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी), वरिष्ठ नागरिक (80+), थर्ड जेंडर और अन्य शामिल हैं।

इस अवसर पर दिल्ली के सभी जिला चुनाव कार्यालयों सहित मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में उपस्थित व्यक्तियों के समक्ष निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के संदेश को भी दिखाया-सुनाया गया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि मतदाताओं की जागरूकता के लिए चुनाव आयोग नवीनतम प्रौद्यौगिकी का उपयोग कर रहा है। इसी क्रम में मतदाताओं की सहायता के लिए विशेष रूप से चार एप बनाए गए हैं। ऐसे ही वोटर हेल्पलाइन एप से मतदाताओं को उनका नाम, पते में पर्वितन, अपने विधानसभा क्षेत्र का नाम, पोलिंग बूथ, प्रत्याशी और जिला चुनाव अधिकारी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध होगी। दिव्यांग श्रेणी के व्यक्तियों के लिए पीडब्ल्यूडी एप बनाया गया है, जिससे उन्हें चुनाव के दौरान मदद मिलेगी। इसी तरह, सी विजिल एप में माध्यम से मतदाताओं का सशक्तिकरण किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्य चुनाव अधिकारी ने चुनाव से संबंधित राज्य स्तरीय पुरस्कार 2020 भी वितरित किए, जिसके तहत 11 चुनावी अधिकारियों, जिसमें जिला चुनाव अधिकारी, ईआरओ, एईआरओ, बीएलओ शामिल हैं। इसके अलावा नागरिक संगठनों के छह व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया, जिसमें दो राज्यस्तरीय दिव्यांग पैरा-एथलीट आइकॉन नीरज यादव और अंकुर धामा भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर अनेक सांस्कृतिक कार्याक्रमों का आयोजन भी हुआ। ‘मित्र रंगमंच’ ने देशभक्ति गीतों और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदाताओं को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। साथ ही प्रख्यात कथक नृत्यांगना अलकनंदा ने शिष्यों के साथ नृत्यों की प्रस्तुति दी।