मकोका केस में फरार पुलिस कर्मी पर कसा शिकंजा

मजदूर नेता की हत्या के लिए शातिर अपराधियों को भागने में की थी मदद

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

कांग्रेस के भूतपूर्व नगरसेवक और वरिष्ठ मजदूर नेता कैलास कदम की हत्या की साजिश के तहत कोर्ट से जेल वापसी के दौरान शातिर अपराधियों को भागने में मदद करने के मामले के आरोपी रहे पुलिस कर्मी सुभाष खाड़े को मकोका केस में गिरफ्तार कर लिया गया। खाड़े और इस पूरी साजिश के मास्टरमाइंड व राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविका के पति एड सुशील मंचरकर ने जमानत के लिए हाई कोर्ट से दरकार लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसके चलते पुणे पुलिस ने खाड़े को गिरफ्तार कर शिवाजीनगर स्थित जिला अदालत में पेश किया जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुणे पुलिस के इतिहास में पहली कार्रवाई
इस बारे में जानकारी देते हुए क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त पंकज ढहाणे ने बताया कि, मजदूर नेता कैलास कदम की हत्या की साजिश रचने के आरोप में राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविका गीता मंचरकर के पति एड सुशील मंचरकर समेत इस साजिश के लिये जेल में कैद शातिर अपराधियों को भागने में मदद करने को लेकर चार पुलिस कर्मियों एवं पिम्परी चिंचवड़ मनपा की प्रभाग समिति के स्वीकृत सदस्य हमीद शेख समेत 17 आरोपियों के खिलाफ मकोका की कार्रवाई की गई है। पुणे पुलिस के इतिहास में पुलिस कर्मियों पर मकोका की कार्रवाई का पहला मौका है। इससे पहले स्टैम्प पेपर घोटाले में अब्दुल करीम तेलगी के साथ कुछ पुलिस वालों के खिलाफ भी मकोका याने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत कारवाई की गई थी।

कौन कौन है आरोपी
कैलास कदम की हत्या की साजिश के मामले में मकोका के तहत कार्रवाई जिनके खिलाफ की गई है, उनमें एड मंचरकर, हमीद नवाब शेख, शातिर अपराधी लुभ्या ऊर्फ संतोष चिंतामण चांदीलकर, सुरेश स्वामीनाथ झेंडे, राजू ऊर्फ काल्या महादेव पात्रे, सचिन जयविलास जाधव, संतोष मछ्चिंद्र जगताप, गणेश रघुनाथ अहिवले, विनयकुमार रामसजिवन कुर्मी, गिड्या ऊर्फ विशाल नागू गायकवाड, धनराज ऊर्फ धर्मादास कांबळे, मनजीत ऊर्फ आबा मानसिंग सावंत और कोर्ट कंपनी याने अपराधियों को जेल से कोर्ट लाने ले जाने वाले पुलिस कर्मचारी सुभाष खाडे, विजय वाघमारे, शंकर कोकरे और संजय चंदनशिवे आदि समेत अन्यों का समावेश है।

खाड़े की रवानगी येरवडा जेल
मकोका की कार्रवाई से पूर्व पुलिस कर्मी खाड़े और एड मंचरकर ने जमानत के लिए हाई कोर्ट से दरकार लगाई थी। इसके बाद दोनों के खिलाफ मकोका व हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान 4 अप्रैल तक गिरफ्तार किए बिना कार्रवाई जारी रखने के आदेश दिये गए थे। इसके बाद मात्र उच्च न्यायालय ने गिरफ्तार न करने की शर्त हटा ली। इसके चलते खाड़े को गिरफ्तार कर पुणे की अदालत में पेश किया गया जहाँ उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया। इसके अनुसार उसे येरवडा जेल भेज दिया गया। सुनवाई में इस मामले के जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त संजय निकम ने एड मंचरकर को तलाश कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया।

क्या है पूरा मामला
काल्या, संतोष, लुभ्या व धर्मा कांबले गत वर्ष 10 अप्रैल को सातारा कोर्ट से येरवडा जेल वापसी के दौरान कात्रज घाट क्षेत्र से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भाग निकले थे। इस बारे में पुलिस कर्मी संजय चन्दनशिवे की शिकायत पर भारती विद्यापीठ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान थाने के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक निरीक्षक विजयसिंह गायकवाड ने चारों अपराधियों में कात्रज घाट से नहीं बल्कि पिम्परी मोरवाडी कोर्ट परिसर से भाग निकलने की जानकारी सामने लायी। इसमें कोर्ट कम्पनी के पुलिस कर्मियों ने उनकी सहायता की थी, यह बात भी सामने आई। इसके बाद क्राइम ब्रांच के युनिट चार के वरिष्ठ निरीक्षक आर.एम. तोडकर ने फरार हुए एक अपराधी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने एड मंचरकर से अपने साथियों के साथ मजदूर नेता कैलास कदम की हत्या की सुपारी लेने की जानकारी दी। इसके चलते चारों पुलिस कर्मियों के साथ सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की गई।