मंगल ही मंगल : ‘शहंशाह-ए-आलम’ का तोहफा कुबूल है हुजूर..’

नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)| आज की चकाचौंध और भागमभाग वाली जिंदगी में ऐसे मौके ब-मुश्किल ही हासिल होते हैं, जब इंसान को एक साथ दो-दो बेशुमार खुशियां नसीब हो जाएं। ‘मंगलवार’ को मंगल ही मंगल जिंदगी में हो। मंगलवार को दिल्ली की गद्दी के तीसरी बार शहंशाह-ए-आलम का ओहदा हासिल करने वाले केजरीवाल मगर, ऐसे ही बिरलों में से एक खुशनसीब रहे। मंगलवार को सुबह-सुबह मतगणना केंद्रों से उठी जीत की धूल को दोपहर बाद तक आंधी में तब्दील कर दिया। धुर-विरोधी पुरोधाओं-दावेदारों को सफलता के तूफान में केजरीवाल ने कहीं का नहीं छोड़ा। यह तो थी उनकी अपनी और आम आदमी पार्टी की सफलता के ऐतिहासक मंगलवार के दिन उनके साथ हुए ‘मंगल’ की कहानी।

यह मंगलवार यानी 11 फरवरी 2020 अरविंद केजरीवाल के लिए कई मायने में ‘मंगल’ लेकर आया। मसलन मंगलवार को ही अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का जन्म-दिन था। पत्नी के जन्म-दिन पर केजरीवाल भला दिल्ली का सिंहासन फिर से हासिल कर लेने की खुशी से ज्यादा बड़ी और कौन सी खबर पत्नी को सुना सकते थे! या यूं कहिये कि पत्नी सुनीता के लिए अपने जन्मदिन पर पति अरविंद केजरीवाल की ओर से इससे भी बेशकीमती और तोहफा भला क्या मिल सकता था? शायद कुछ नहीं।

एक तरफ मंगलवार को आम आदमी पार्टी के पक्ष में आते रहे विधानसभा 2020 के धुआंधार चुनाव परिणाम। दूसरी ओर विरोधियों का पसीने से खुद-ब-खुद तर-ब-तर होते हुए आंखों से देखना। भला केजरीवाल, उनके परिवार और आम आदमी पार्टी को जीवन में ‘मंगल’ के लिए इससे बड़ी और दूसरी खुशी की कौन सी बात हो सकती थी? पत्नी के जन्म-दिन पर पार्टी कार्यालय में ही केक काटा गया। केजरीवाल ने परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ केक कटने के कार्यक्रम में दिल खोलकर हिस्सा लिया। क्योंकि उन्हें अंदाजा लग चुका था कि मतदान के परिणामों की आंधी शाम-शाम होते होते विरोधियों के ‘चिराग’ बुझा चुकी होगी।

केजरीवाल के लिए मंगलवार का दिन इसलिए भी ‘मंगल’ लेकर आया, क्योंकि चुनावी सरगर्मियों के बीच वे वक्त निकाल कर कनाट प्लेस वाले हनुमान मंदिर पहुंचे थे। उस दिन दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी छतरपुर और कालकाजी मंदिर में सिर नवाने गए थे। केजरीवाल ने हनुमान मंदिर में श्रद्धापूर्वक सिर नवाया है। यह खबर सुनते ही भाजपा नेताओं ने केजरीवाल का खूब मजाक उड़ाया। मजाक ही नहीं उड़ाया वरन यहां तक कह डाला कि हनुमान जी की मूर्ति केजरीवाल के छूने भर से अपवित्र हो गई है। उसे गंगाजल से धोकर पवित्र करना होगा। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी भाजपा के वे बाहियात जुमले भी मुंह बंद रखकर बर्दाश्त कर गए। कुल जमा यह तय है कि मंगलवार ने केजरीवाल की जिंदगी में मंगल ही मंगल ला दिया। इसमें कोई शक नहीं।

जहां तक मंगलवार को पति की पार्टी की एतिहासिक ‘फतेह’ की खुशी से जहां पत्नी सुनीता केजरीवाल अभिभूत थीं, वहीं जन्म-दिन पर पति द्वारा दिए गए अविस्मरणीय तोहफे (आम आदमी पार्टी की धुधांधार जीत) को देखकर उनके मुंह से खुद-ब-खुद जरूर निकल गया होगा, ‘वाह क्या बात है? शहंशाह-ए-आलम मेरे हुजूर मुझे आपका बेशकीमती तोहफा कुबूल है।’