भारत-यूएई रिश्ते के लिए कोई हद नहीं : मोदी

आबू धाबी, 24 अगस्त (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंध पिछले चार साल में जितना प्रगाढ़ हुआ उतना इससे पहले कभी नहीं ह़ुआ था। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच बेहतर ताल्लुक के कारण द्विपक्षीय रिश्तों में प्रगाढ़ता आई।

उन्होंने कहा कि वह और क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भाई की तरह एक दूसरे का सम्मान करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी आबू धाबी के दो दिवसीय दौरे पर हैं जहां उनको शनिवार को यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से नवाजा गया। अपने दौरे के दौरान मोदी ने खलीज टाइम्स और डब्ल्यूएएम न्यूज एजेंसी को अलग-अलग इंटरव्यू दिए।

मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध को मजबूती प्रदान करना उनकी सरकार की विदेश नीति की सबसे अहम प्राथमिकता है।

उन्होंने खलीज टाइम्स से कहा, “मैं खुश हूं कि यूएई का नेतृत्व भी भारत के साथ संबंधों को इसी प्रकार की अहमियत देता है। इस संबंध के लिए आकाश की भी कोई हद नहीं है।”

उन्होंने कहा कि ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ का सम्मान मिलना हमारी बढ़ती साझेदारी का प्रमाण और संपूर्ण भारत के 1.3 अरब लोगों का सम्मान है।

उनसे जब पूछा गया कि क्या यूएई के नेतृत्व से व्यक्तिगत संबंध होने से दोनों देशों के बीच रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने में मदद मिली है तो उन्होंने कहा, “क्राउन प्रिंस और मैं एक दूसरे को भाई के रूप में सम्मान करते हैं।”

मोदी ने कहा, “हमारे बीच अतिशय मित्रभाव और परस्पर सम्मान की भावना विकसित हुई है। मेरा विश्वास है कि हम दोनों के बीच बेहतरीन ताल्लुकात काफी अहम है जिससे हमारी साझेदारी की सच्ची संभावना की समझ बनी है।”

उन्होंने कहा, “इसके परिणामस्वरूप, भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय संबंध पिछले चार साल में जितना प्रगाढ़ हुआ उतना पहले कभी नहीं हुआ। नेतृत्व की ओर से हमें बेहतरीन सहयोग मिला जिससे हम न सिर्फ ऊर्जा और एक-दूसरे देशों के लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में संबंधों में बदलाव लाने में समर्थ हुए हैं बल्कि व्यापार, निवेश, खाद्य व सुरक्षा के क्षेत्र में भी साझेदारी बढ़ा पाए हैं।”

मोदी ने कहा, “जहां तक अनुच्छेद 370 का सवाल है तो हमने अपने आंतरिक मसले पर पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक, प्रत्यक्ष, पारदर्शी और संवैधानिक तरीके से कदम उठाए हैं। इन कदमों का मकसद अलगाव को समाप्त करना है जिसके कारण जम्मू-कश्मीर कुछ लोगों के निहित स्वार्थ के चलते अल्पविकसित रहा। इस पृथककरण के कारण कुछ युवाओं को गुमराह किया गया उनको कट्टरपंथी बनाया गया और हिंसा व आतंकवाद के लिए प्रेरित किया गया।”

उन्होंने कहा, “हम अपने समरसतापूर्ण समाज में इन प्रवृत्तियों को पैर जमाने और पूरे देश के विकास के प्रमुख कार्य से हमें भटकाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। मैं यूएई और इसके नेतृत्व की समझ की सराहना करता हूं जिन्होंने हमारे कदमों का समर्थन किया है।”

व्यापार और निवेश के मसले पर मोदी ने कहा, “भारत में 75 अरब डॉलर का निवेश करने की यूएई की प्रतिबद्धता अहम बदलाव का सूचक है। पिछले कुछ वर्षो में पोर्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और आवास के क्षेत्र में यूएई से आने वाले निवेश में इजाफा हुआ है, लेकिन हमारा संबंध आंकड़ों से नहीं है बल्कि यह एक रणनीतिक साझेदारी है जो साझी दूरदर्शिता और उद्देश्य पर आधारित है।”

उन्होंने कहा, “अगले पांच साल निवेश केंद्रित विकास पर निगाह होगी। आगामी पांच साल में हमारा लक्ष्य 15 खरब डॉलर निवेश का है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार घरेलू और विदेशी स्रोतों से इन्फ्लो (पूंजी आगम) बढ़ाने की नीतियों पर काम कर रही है।”

मोदी ने कहा, “हमने अगले पांच साल में देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। यूएई अपने परंपरागत सेक्टर की ताकत के बाहर जाकर अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता ला रहा है। यह हम दोनों के लिए लाभकारी है।”

डब्ल्यूएएम को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार साल में यूएई के उनके तीसरे दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में आई गहराई को बनाए रखने की इच्छा शक्ति प्रतिबिबित होती है।