भाजपा असन्तुष्ट, राष्ट्रवादी और शिवसेना गठबंधन!

आसान नहीं रही ममता गायकवाड़ की जीत की राह

पिम्परी। स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर मचे घमासान से पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा में दोफाड़ की स्थिति निर्माण हो गई है। उसी में भाजपा के असंतुष्टों ने विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना से हाथ मिला लिया है। राष्ट्रवादी के प्रत्याशी मोरेश्वर भोंडवे को भाजपा के असंतुष्टों और शिवसेना का साथ मिल गया है। इस गठबंधन से भाजपा प्रत्याशी ममता गायकवाड़ की जीत की राह आसान नहीं।

ममता गायकवाड़ को प्रत्याशी घोषित करने के बाद सत्ताधारी भाजपा में घमासान छिड़ गया है। विधायक लांडगे समर्थक महापौर नितिन कालजे, राहुल जाधव के साथ ही तीव्र इच्छुकों में शुमार शीतल उर्फ विजय शिंदे ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। स्थायी समिति अध्यक्ष पद के लिये राष्ट्रवादी की ओर से मोरेश्वर भोंडवे ने नामांकन भरा है। इसकी घोषणा करने हेतु आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ राष्ट्रवादी, शिवसेना और भाजपा के असंतुष्टों के गठबंधन की तकरीबन घोषणा कर दी गई। इतना ही नहीं राष्ट्रवादी ने तो अपनी जीत का दावा भी कर दिया है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी ममता गायकवाड़ की जीत की राह में रोड़े ही रोड़े नजर आने लगे हैं।

बहरहाल स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव से सत्ताधारी भाजपा में निर्माण दोफाड़ की स्थिति, महापौर नितीन कालजे, राहुल जाधव और शीतल शिंदे का इस्तीफा और राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवेसना व भाजपा के असंतुष्टों का गठबंधन आने वाले दिनों में क्या रंग लेगा? भाजपा के शीर्ष नेता इस घमासान और असंतुष्टों की नाराजगी रोकने में किस हद तक कामयाब होंगे? स्थायी समिति अध्यक्ष चुनाव के बाद पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सियासत किस मुक़ाम पर जा पहुंचेगी? ऐसे की सवाल खड़े हो गये हैं, जिनके जवाब में अलग अलग तर्क वितर्क लगाए जा रहे हैं।