बोरवेल में फंसे 4 साल के बच्चे काे बचाया गया, सेना को 35 घंटे बाद कामयाबी

मध्य प्रदेश:  देवास(मध्यप्रदेश) उमरिया गांव के बोरवेल में गिरे चार साल के रोशन को करीब 35 घंटे बाद रविवार करीब 10.30 बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बचाव और राहत काम में करीब 200 अफसरों, कर्मचारियो और सेना के जवान की मदद ली गई थी। दो दिन से बच्चे को बचाने के लिए दिनरात लगातार कोशिशें जारी थीं। बता दें कि शनिवार को 11:30 बजे रोशन खेलते-खेलते 40 फीट गहरे बोर में गिर गया था और 27 फीट नीचे फंस गया था।

ऐसे चलाबचाव कार्य

– रोशन खेत में बने 8 से 10 इंच चौड़े बोरवेल में जमीनी सतह से 27 फीट नीचे फंसा था। बोरवेल से आठ फीट की दूरी पर जेसीबी, पोकलेन ब्रेकर से बावड़ीनुमा गहरा गड्ढा खोदा गया, जो 38 से 40 फीट गहरा था।

– इस गड्ढे में सेना और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम उतर चुकी थी और बोरवेल की तरफ हैंड कटर मशीन,सब्बल, हथौड़े से दो से तीन फीट गोलाई की सुरंग बना रहा था। यह सुरंग बच्चे की पोजिशन से कुछ फीट नीचे बोरवेल तक पहुंचती, ताकि बच्चे का नीचे खिसकने का खतरा न रहे।

पत्थर ब्लास्ट करने का फैसला प्रशासन ने टाला

– हार्ड पत्थरों की वजह से पोकलेन ब्रेकर भी बहुत धीमी रफ़्तार से खुदाई कर पा रहा था। बचाव कार्य को 24 घंटे हो जाने तक भी 33 फीट ही खुदाई हुई थी। इस पर एक और पोकलेन ब्रेकर बुलवाकर रफ्तार बढ़ाने की कोशिश की गई।

– आखिरकार शाम 5 बजे जरूरी 38 फीट गहराई का गड्ढा हो सका। उसके बाद सेना और डिजास्टर मैनेजमेंट ने गड्ढे में उतरकर बोरवेल की तरफ सुरंग खुदाई शुरू की।

मां ने की थी बच्चे से बात

– बचाव काम के दौरान रविवार दोपहर 1 बजे पहली बार रोशन की मां रेखा को घटनास्थल पर लाया गया और उसने करीब 2 मिनट बेटे से बात हिम्मत बंधाई।

– मां को एम्बुलेंस में टेबलेट की स्क्रीन पर बच्चे की तस्वीर दिखाई गई तो उसकी आंखें छलक आई।

– सेना और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम रोशन को बचाने की हरमुमकिन कोशिश कर रही थी। सेना के हवलदार अवतार सिंह ने रोशन को रस्सी के सहारे सीधा खींचकर बाहर निकाल लिया।

मां बोली- बेटा ठीक है, सब दुआ करिए

राेशन की मां रेखा ने बेटे से बातचीत के बाद कहा कि मेरी बात हुई है, वह ठीक है पर थोड़ा रो रहा है। आप सब दुआ करें कि वह जल्द ठीक हो जाए। यह बात कहते-कहते उनकी आंखें भर आईं।

ठंड लगना बताया तो सीरप भी दी
दोपहर करीब 3 बजे रोशन को अचानक ठंड लग रही थी, तब डॉक्टर की सलाह पर उसे नली के जरिए से सीरप की एक खुराक दी गई, इसके कुछ देर बाद वह सो गया था। इसकी पुष्टि पिता भीम सिंह और स्टाफ ने की।

ऐसे बोरवेल में गिर गया रोशन

– बोरवेल में फंसे 4 साल के मासूम रोशन की मां रेखा ने बताया कि वह खेत में गेहूं कटाई का काम कर रही थी। पास ही के खेत में रोशन के पापा भीम सिंह भी गेहूं कटाई का काम कर रहे थे। रोशन के साथ उसका बड़ा भाई नैतिक (6 साल) और दो साल का छोटा भाई चेतन पास ही में खेल रहे थे।

– रेखा ने बताया कि खेलने के दौरान रोशन मेरे पास आया था, मुझे लगा कि पास में ही खड़ा है पलटकर देखा तो नैतिक और चेतन बोरिंग के पास थे, लेकिन रोशन कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। – बोरिंग के पास जाकर देखा तो उसमें से रोशन की रोने की आवाज आ रही थी।