बॉलीवुड की शम्मी आंटी का निधन

मुंबई : पुणे समाचार

बॉलीवुड में शम्मी आंटी के नाम से मशहूर अभिनेत्री का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 1931 में मुंबई में जन्मीं इस अभिनेत्री का असली नाम नरगिस रबाड़ी था। उन्होंने 200 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम किया था। फिल्मों के साथ टेली‍विजन में भी उनकी पारी सफल रही।

कैसे मिला शम्मी आंटी नाम

एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कैसे उनका नाम शम्मी आंटी पड़ा। उनके मुताबिक, नरगिस जी उस जमाने की एक बहुत बड़ी स्टार थीं इसलिए फिल्म डायरेक्टर तारा हरीश ने मुझे नया नाम ‘शम्मी आंटी’ दिया। जो फ़िल्म ‘मल्हार’ के मेरे चरित्र का नाम था। उन्होंने कई बड़े स्टार के साथ काम किया। साल 1952 में दिलीप कुमार और मधुबाला के साथ फ़िल्म ‘संगदिल’ में शम्मी आंटी सहनायिका की भूमिका में नज़र आयीं।

इंडस्ट्री में लंबे समय तक किया काम

शुरुआती दिनों में उन्होंने पैकेजिंग डिपार्टमेंट में भी काम किया। उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका एक फैमिली फ्रेंड के जरिए मिला। इंडस्ट्री में लंबे समय तक काम करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैंने कभी प्लान नहीं किया और ना ही बहुत ज़्यादा महत्वाकांक्षाएं नहीं रखीं। बस जो भी काम उन्हें मिलता रहा, बिना ना-नुकुर किए करती चली गयीं। यही वजह है कि नायिका के तौर पर भले ही वो ज़्यादा काम नहीं कर पायी लेकिन चरित्र अभिनेत्री बनने का उन्हें ये फ़ायदा हुआ।

उनके जाने से दुखी अमिताभ बच्चन ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दुख जताया है।

1950 के दशक में शम्मी आंटी ने ‘बाग़ी’, ‘आग का दरिया’, ‘मुन्ना’, ‘रुखसाना’, ‘पहली झलक’, ‘लगन’, ‘बंदिश’, ‘मुसाफ़िरखाना’, ‘आज़ाद’ और ‘दिल अपना और प्रीत परायी’ जैसी कई फ़िल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभायीं। अब तक की उनकी अन्तिम फ़िल्म ‘शिरीन फ़रहाद की तो निकल पड़ी’ है जो साल 2012 में प्रदर्शित हुई थी।