भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने आईएएनएस को बताया कि, पूर्व सैनिक आंदोलन में पहले दिन से शामिल हैं। हाल ही में बॉर्डर पर कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिससे आंदोलन को आसानी से बदनाम किया जा सके।
उन्होंने कहा, पूर्व सैनिकों ने भी हमसे गुजारिश की थी हमें कुछ करने का मौका दिया जाए। जिसके बाद ये तय किया गया कि आंदोलन की सुरक्षा व्यवस्था पूर्व सैनिकों को दी जाए। आंदोलन के वालंटियर भी अब पूर्व सैनिकों के निर्देश पर काम करेंगे। वहीं उनको ट्रेनिंग देने का काम भी किया जाएगा।
भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि, हमारे देश की आन, बान और शान हमारी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके पूर्व सैनिक अब यहां सुरक्षा का मोर्चा संभालेंगे। आंदोलन को तोड़ने का कुचक्र प्रशासन और सरकार के सहयोग से रचा जा रहा है। आंदोलन के बैरियर नंबर-एक पर संघ की पाठशाला से निकले लोग आकर पत्थरबाजी करते हैं। मंगलवार को भी चौथी बार ऐसी घटना हुई। पुलिस एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं होती।
किसानों का कहना है कि पूर्व सैनिक आंदोलन स्थल पर आने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखेंगे और आंदोलनकारियों की सुविधा का भी ध्यान रखेंगे। हालांकि मौजूदा वक्त में करीब 10 पूर्व सैनिक आंदोलन स्थल पर मौजूद हैं, लेकिन जल्द ही इनके साथ अन्य पूर्व सैनिक भी शामिल होंगे।
— आईएएनएस
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