बेमौसम बारिश से मिर्च हुई ‘तेज’.

पुणे, इस साल हुई बेमौसमी बारिश का परिणाम मिर्च की फसल पर हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस साल मिर्च की आवक नहीं होने से इसके दरों में इजाफा हुआ है। पिछले सप्ताह से प्रति क्विंटल 2 हजार रुपए से इसके दर बढ़ गए है। बार-बार हो रही दर वृद्धि से आम आदमी के साथ होटल व्यवसायी भी परेशान हुए है।
इस बारे में फेडरेशन आॅफ एसोसिएशन आॅफ ट्रेडर्स के अध्यक्ष वालचंद संचेती ने कहा कि, इस साल बेमौसमी बारिश से मध्य प्रदेश की फसलों का नुकसान हुआ है। देश में आंध्र प्रदेश, तेलंगणा और ब्याडगी में सर्वाधिक मिर्च का उत्पादन होता है, लेकिन इस साल वहां से उम्मीद के अनुसार उत्पादन नहीं हुआ। इसके कारण दरों में तेजी से वृद्धि हो रही है।
पिछले साल अच्छी बारिश होने से मिर्च का उत्पादन भी अच्छा हुआ था, लेकिन इसका स्टॉक करने के लिए किसानों के पास कोल्ड स्टोरेज नहीं है। इसके कारण किसानों को कम दरों में व्यापारियों को मिर्च बेचनी पड़ी थी। इस साल किसानों ने मिर्च की फसल कम ली है। इसका भी परिणाम मिर्च के उत्पादन पर हुआ है। इसके कारण पुणे के बाजार में मिर्च के दरें बढ़ी है।
दि पूना मर्चंटस चेंबर के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुगले ने कहा कि, इस साल मध्य प्रदेश की मिर्च की फसल कीड़ और रोग की चपेट में आई है। इसके कारण केवल 20 प्रतिशत ही फसल सुरक्षित रही। वहां से पुणे के मार्केट में मिर्च की आवक कम हुई है। राज्य के जालना जिले में सर्वाधिक मिर्च का उत्पादन लिया जाता है, लेकिन इस साल बेमौसम बारिश होने से कम उत्पादन हुआ है।
खुदरा बाजार में मिर्च के दाम (किलो में)
341 गंटूर – 120 ते 125 रुपए
तेजा – 110 ते 115 रुपए
गंटूर – 100 ते 110 रुपए
खुडवा – 40 ते 50 रुपए
ब्याडगी ढब्बी – 150 ते 210 रुपए