बेटे के इलाज के लिए संघर्ष कर रही हैं भारतीय-अमेरिकी कार्यकर्ता

वॉशिंगटन, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय मूल की अमेरिकी कार्यकर्ता और नागरिक अधिकार वकील जो कौर अपने 15 महीने के बेटे रियान के इलाज के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनके बच्चे को एक दुर्लभ और घातक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार का पता चला है और वह उसके इलाज के लिए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के लगातार संपर्क कर रही हैं।

रविवार को द अमेरिकन बाजार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घातक बीमारी बेहद दुर्लभ है और अमेरिका में हर साल लगभग 100 बच्चों को प्रभावित करती है। इसके फलस्वरूप उनकी औसत जीवन प्रत्याशा तीन से पांच साल तक होती है।

वर्तमान में इस बीमारी का कोई इलाज या उपचार उपलब्ध नहीं है।

जो कौर न्यूयॉर्क की रहने वाली हैं। वह एक सक्रिय नागरिक अधिकार प्रचारक भी रही हैं। कौर ने एक सिख डिज्नी कर्मचारी को न्याय दिलाने की मांग करते हुए सिख गठबंधन का प्रतिनिधित्व किया। उस सिख शख्स को पगड़ी के कारण कंपनी के मेहमानों के सामने पेश नहीं होने के लिए कहा गया था।

उन्होंने 2012 में विस्कॉन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में फायरिंग के दौरान जीवित बचे लोगों के साथ भी काम किया है। इस फयरिंग में छह श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।

कौर और उनके पति का लक्ष्य रियान की बीमारी का संभावित इलाज खोजने और इसी तरह के अन्य प्रभावित बच्चों की मदद करने के लिए एक रिसर्च फाउंडेशन शुरू करना है।

उन्होंने अपनी पहल के लिए लागत को कवर करने में मदद करने के लिए एक गोफंडमी पेज की स्थापना की है। कौर के अनुसार, उन्हें हैशटैग प्रेफॉररियान और फाइटफॉररियान के साथ सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिला है।

–आईएएनएस

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