बुंदेलखंड में दाल-तिलहन की खरीद करेंगी महिलाएं, बनेंगी शेयर होल्डर

लखनऊ, 14 जून (आईएएनएस)। बुंदेलखंड की महिलाओं को सशक्त और स्वाबलंबी बनाने के लिए उन्हें दलहन, तिलहन की खरीद में लगाया जाएगा। इस कार्य से जुड़ने पर उनको रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही साथ में आमदनी भी कई गुना बढ़ जाएगी। योजना को साकार करने के लिये महिलाओं की प्रोड्यूसर कंपनी बनाई गई हैं। महिलाएं इन कंपनियों में शेयर होल्डर बनेंगी। इसके लिये उनकी सदस्यता का काम तेजी से चल रहा है।
बुंदेलखंड परिक्षेत्र में विकास की बयार लाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलहन, तिलहन वैल्यू चेन परियोजना को शुरू करने के निर्देश दिये। इसके बाद से बुंदेलखंड के 02 जनपदों में योजना को शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सितम्बर-अक्टूबर माह में खरीफ की फसल से इसका काम शुरू किया जाएगा। परियोजना के संचालन के लिये झलकारी बाई महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के गठन का काम पूरा कर लिया गया है। इस तीन वर्षीय परियोजना में 17700 महिलाओं को शामिल कर शेयर होल्डर बनाया जाएगा। महोबा के तीन और झांसी के चार विकास खंडों में 250 गांव की महिलाएं दलहन और तिलहन की खरीद करेंगी।

सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बांदा, हमीरपुर, जालौन के सात विकास खंडों में इस परियोजना से महिलाओं को जोड़ने के काम को हरी झण्डी मिलने वाली है। जिसके बाद इन क्षेत्रों की परियोजना में 195 गांवों में 11154 महिलाओं को जोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

इससे पहले यहां के पांच शहरों में महिलाओं की कंपनी बनाकर उनको दूध खरीद में लगाया। अब खरीब की फसल में इन महिलाओं को दलहन और तिलहन की खरीद में लगाने की तैयारी को तेज कर दिया है।

इस तीन वर्षीय परियोजना के तहत जिन ब्लाकों में महिलाओं को खरीद कार्य में लगाया जाएगा उनमें कलेक्शन सेंटर बनेंगे। दलहन और तिलहन की खरीद के लिये कलेक्शन सेंटर तीन गांव में से एक में बनाए जाएंगे। इन कलेक्शन सेंटरों पर खरीद की व्यवस्थाओं को डिजिटल रखा जाएगा। जिससे खरीद में पारदर्शिता सुनश्चित हो। महिलाओं को उनकी खरीद का भुगतान समय पर और पूरा मिल सके इसके लिये ऑनलाइन की गई है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश के सभी जिलों में स्वयं सहायता समूहों का गठन कर लिया गया है। यह समूह तीन साल के लिये विभिन्न परियाजनाओं का लाभ देने के लिये महिलाओं को जोड़ते हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेषक योगेश कुमार ने बताया कि मिशन के अंतर्गत एस एच जी के सदस्यों को उनके द्वारा कृषि एवं गैर कृषि उत्पादों के वैल्यू चैन एवं विपणन द्वारा उचित मूल्य प्राप्त करने हेतु एफ पी ओ का गठन किया जा रहा है। मिशन द्वारा एफपीओ को तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान कर सतत आजीविका संबर्धन द्वारा आत्मनिर्भर बनाये जाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

–आईएएनएस

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