बीएनसीए द्वारा भारत के मानवी और वन्य जीव संवाद विषय पर व्याख्यान संपन्न

पुणे : पुणेसमाचार
डॉ. भानूबेन नानावटी कॉलेज ऑफ अर्किटेक्चर फॉर वूमेन (बीएनसीए) के कला, संस्कृती, पर्यावरण विज्ञान व वन्य जीवन नेचर्स क्लब द्वारा भारत के मानवी और वन्य जीव संवाद इस विषय पर प्रसिद्ध वन्यजीव संशोधक विद्या अत्रेय का व्याख्यान आयोजित किया गया था. बीएनसीए के वनजा क्लब द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. अनुराग कश्यप और प्रा. अस्मिता जोशी की पहल से संपन्न हुआ. वन्य जीवन व पर्यावरण के बारे में छात्रों में जागरूकता बढे इस हेतू इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ऐसी जानकारी प्रा. जोशी ने दी.

एक तरफ बढ़ती हुई आबादी होने के बावजूद भारत के वन्य जीवन में कई प्रकार की विविधता कायम है. लेकिन उस वजह से मानव व वन्य जानवर इनमें कई जगह कठिनाइया और संघर्ष के प्रसंग दिखाई देते है. ऐसा होने के बावजूद आज भी जंगलों के नजदीक के मानवी प्रदेश में इंसान ने व​​न्य जानवरों का सहअस्तित्त्व मान्य किया है. कई भागों में जानवरों की देखभाल भी की जाती है. जंगलों के नजदीक के ग्रामीण इलाके के लोग और किसान यह रिश्ता निभाते है, ऐसा वैशिष्ट्यपूर्ण निरिक्षण अत्रेय ने बताया। भारत के वन्य जानवरों का जतन साथ ही महाराष्ट्र व देशस्तरीय वन्यजीव नीतियों में अत्रेय का सक्रीय सहभाग है.

आबादी के मामले में सर्वाधिक घनता के इस देश में आज भी वन और वन्य जानवरों की बड़ी परंपरा है और उसका संरक्षण करने के लिए अभयारण्य की संख्या बहुत ही कम है. भारत की पूरी जमिन को मिलाकर केवल पाच प्रतिशत भूप्रदेश वन्य जानवरों के लिए उपलब्ध है. साथ ही हाथी और तेंदुआ जैसे जानवर मानव निर्मित सीमा को नहीं समझते और वे मानवी इलाके में प्रवेश करते है और उन्हें ही अपना खाना समझते है. जानवरों के लिए हमें अधिक संवेदनशील होना जरुरी है।