बिहार : 16 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला, विपक्ष ने साधा निशाना

 पटना, 19 जनवरी (आईएएनएस)| बिहार में ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के साथ नशामुक्ति, बाल विवाह रोकथाम एवं दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर जागरूकता अभियान के तहत रविवार को राज्यभर में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर मानव श्रृंखला बनाया।

  इस बीच मानव श्रृंखला बनाने के दौरान दो लोगों की मौत हो गई। विपक्ष ने करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई इस मानव श्रृंखला को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि 18,034 किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनाई गई, जिसमें 57,76,788 लोगों ने एक-दूसरे के हाथ पकड़े खड़ा हुए। उन्होंने कहा कि एक बार फिर बिहार ने इतिहास बनाया और विश्व की सबसे बड़ी श्रंखला बनाकर कीर्तिमान स्थापित किया है।

कुमार ने बताया कि मानव श्रृंखला निर्माण में पहले स्थान पर पटना जिला रहा, जहां 27,87,000 लोगों ने हिस्सा लिया जबकि समस्तीपुर में 27,80,000 लोग, मुजफ्फरपुर में 24,57,000 लोग, सारण जिला में 24,33,000 लोग तथा रोहतास जिले में 23,24,000 लोगों ने हिस्सा लिया।

गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुब्बारों का गुच्छों को आसमान में उड़ाकर इस श्रृंखला की शुरुआत की। गांधी मैदान से चार श्रेणियांे में निकली यह मानव श्रृंखला, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला, प्रखंड, पंचायत, गांवों की विभिन्न सड़कों और पगडंडियों से होकर गुजरी। गांधी मैदान में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जलपुरुष राजेंद्र सिंह सहित कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।

इस मानव श्रृंखला में लोगों ने पर्यावरण संतुलन को लेकर अपने-अपने भावों का प्रकटीकरण प्रस्तुत किया। इस मौके पर सभी जिला मुख्यालयों में भी अधिकारियों ने श्रृंखला में भाग लिया।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि जल व हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है। उन्होंने कहा, “जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए मैंने पूरे राज्य की यात्रा की। इस दौरान पाया कि लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता आई है। यह प्रसन्नता की बात है। आज बिहार ने इस मानव श्रृंखला से देश ही नहीं दुनिया को संदेश दिया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “पर्यावरण के लिए हम निरंतर अभियान चलाते रहेंगे। अगर हम पर्यावरण को नहीं समझेंगे तो हमारा बड़ा नुकसान हो जाएगा।” उन्होंने मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद दिया और आभार जताया।”

पूर्वाह्न् 11.30 बजे से शुरू इस मानव श्रृंखला का समापन देपहर 12 बजे हुआ। इस दौरान कई स्थानों पर यातायात को रोक दिया गया।

मानव श्रृंखला के दौरान दरभंगा में शिक्षक मोहम्मद दाऊद और समस्तीपुर मंे रेशमा नामक महिला की मौत हो गई। अधिकारियों के मुताबिक, दोनों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।

इस मानव श्रृंखला की तस्वीर और वीडियोग्राफी के लिए 100 से अधिक ड्रोन और चार हेलीकॉप्टर और 3 वायुयान लगाए गए थे।

इस बीच, मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मानव श्रृंखला को असफल बताया है। राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेचैन हैं। जिस तरह स्कूल के बच्चों को खाली पैर पंक्ति में घंटों खड़ा रखा गया, उससे सैकड़ों बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। स्कूली बच्चों को जबरन ढो-ढोकर लाया गया।

उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री को राहत के लिए एक हेलीकॉप्टर नहीं मिलता है और आज फोटो के लिए 15 हेलीकॉप्टर लागए गए। उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी बढ़ी है, अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन इस पर तो कोई कुछ नहीं बोल रहा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिहारवासियों ने 21 जनवरी, 2017 को 11,292 किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनाई थी, जिसमें लगभग 3 करोड 50 लाख से अधिक लोगों ने हाथ से हाथ जोड़कर नशामुक्ति के पक्ष में आवाज बुलंद की थी। इसके बाद 21 जनवरी, 2018 को बिहारवासियों ने बाल-विवाह एवं दहेज उन्मूलन के लिए राज्यव्यापी 14,000 किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनाई।