बिहार विधानसभा में एससी, एसटी आरक्षण पर मुहर, नीतीश ने कहा, एनआरसी का सवाल नहीं (लीड-1)

पटना, 13 जनवरी (आईएएनएस)| संविधान के 126वें संशोधन विधेयक 2019 को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद ने भी सोमवार को मंजूरी दे दी। विधानसभा और विधान परिषद के एक दिवसीय विशेष सत्र में एससी/एसटी के लिए आरक्षण को और 10 साल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका सभी दलों के नेताओं ने समर्थन किया। इसके बाद सदन ने एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

सदन में अनुसमर्थन मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने इस दौरान जातिगत जनगणना का भी समर्थन किया।

दस दौरान विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मामला उठाया। इस पर नीतीश ने कहा कि “एनआरसी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।”

नीतीश ने जातिगत जनगणना कराए जाने का समर्थन करते हुए कहा, “हम भी चाहेंगे कि जातिगत जनगणना हो। जातिगत जनगणना 1930 में हुई थी, उसके बाद नहीं हुई है। इस जनगणना से स्पष्ट हो जाएगा कि कितने लोग किस जाति के हैं।”

कई सदस्यों द्वारा सीएए और एनपीआर के मुद्दे पर बहस की मांग पर नीतीश ने कहा, “अगर सभी लोग चाहते हैं तो बिहार विधानसभा में हम विशेष रूप से चर्चा करेंगे। हम किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार हैं।”

उन्होंने कहा, “जहां तक एनआरसी का सवाल है तो इसे लागू करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। यह असम के परिप्रेक्ष में था। देशव्यापी एनआरसी की कोई बात नहीं थी। मुझे इसका कोई एहसास नहीं है कि अनावश्यक एनआरसी राष्ट्रीय परिप्रेक्ष में आ सकता है। इसका कोई औचित्य नहीं है। इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी अपनी बात स्पष्ट कर चुके हैं।”

तेजस्वी के जातिगत जनगणना, एनपीआर और सीएए पर भी सदन में चर्चा कराए जाने की मांग की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा, “कोई एतराज नहीं है। हर चीज पर चर्चा होनी चाहिए। अगर किसी चीज को लेकर लोगों के मन में अलग-अलग राय है, उसपर चर्चा होनी चाहिए। सदन के अगले सत्र में इन विषयों पर चर्चा हो।”

इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने से पहले विधानसभा परिसर में विपक्षी दलों ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर जमकर हंगामा किया।

126वें संशोधन विधेयक पर विधानसभा में तेजस्वी ने कहा, “एससी, एसटी वर्ग के लिए कोई स्थायी उपाय हो। राज्य सरकार के 126वें संशोधन विधेयक का हम सब समर्थन करते हैं।”

एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा कि इसे बिहार में लागू नहीं होने देंगे। खून भी देना पड़ेगा तो हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि क्या हमें देश के नागरिक होने का सबूत देना होगा? हम संविधान विरोधी काम नहीं होने देंगे।