बिहार : पूर्णिया के गांवों में पुस्तकों की दुनिया बसाने में जुटे हैं जिलाधिकारी राहुल

पूर्णिया (बिहार), 2 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार के पूर्णिया जिले के जिलाधिकारी राहुल कुमार की पंचायतों में पुस्तक की दुनिया बसाने की योजना के लिए पुस्तक दान महादान अभियान अब रंग लाने लगा है। इस अभियान के तहत लोगों द्वारा दान की गई पुस्तकों से गांव-गांव में पुस्तकालय खुल रहे हैं।
पूर्णिया में 26 जनवरी 2020 से प्रारंभ यह अभियान अब पूर्णिया के करीब 150 पंचायतों के लिए पुस्तकों की कमी दूर कर रहा है।

पूर्णिया के जिलाधिकारी राहुल कुमार आईएएनएस से कहते हैं, पूर्णिया जिले के कुल 246 ग्राम पंचायतों में से 142 पंचायतों में लोगों के दान से पुस्कालय खुल गए, जिसमे 85 हजार से अधिक पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों में छात्रों के पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी कई ज्ञानवर्धक, रोचक और मनोरंजक पुस्तकें तो हैं ही, साथ ही महापुरूषों की जीवनी पर आधारित पुस्तकें भी इन पुस्तकालयों में रखी गई हैं।

जून महीने तक जिले के सभी पंचायतों में पुस्तकालय खोलने का लक्ष्य रखा गया है।

जिलाधिकारी कुमार कहते हैं कि दूसरे चरण में शेष पंचायतों में 30 जून तक पुस्तकालय खोले जाने की योजना है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि लोगों में उत्साह को देखते हुए यह लक्ष्य समय से पहले पूरा हो जाने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत सभी 142 पुस्तकालयों में संचालन समिति के लिए 300 सदस्यों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिलाने का फैसला लिया है। इस प्रशिक्षण में प्रत्येक पुस्तकालय संचालन समिति के दो-दो सदस्य हिस्सा लेंगे। यह प्रशिक्षण अनुमंडल आधार पर आयोजित किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुस्तकालय समिति के सदस्यों के कम संसाधन में पुस्तकालय के संचाालन और पुस्तकों के रखरखाव की जानकारी दी जाएगी।

एक अधिकारी ने बताया कि पंचायत में खुलने वाले इन पुस्तकालयों के लिए पंचायत भवन में एक कमरा उपलब्ध कराया गया है, जिसमें पुस्तकालय की पुस्तकें रखी गई है। स्थानीय लोग इन पुस्तकों को पुस्तकालय में ही जाकर पढ़ पाएंगें।

पहले चरण में खुले पुस्तकालयों में फिलहाल कुल 85,179 पुस्तकें जमा हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पुस्तक दान के लिए जिले में तीन केंद्र बनाए गए है, जहां कोई भी व्यक्ति पुस्तकालय के लिए पुस्तकें दान कर सकता है। पुस्तक दान के लिए सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय, प्रखंड संसाधन केंद्र एवं संकुल संसाधन केंद्र में पुस्तकें दान दी जा रही हैं।

कुमार कहते हैं कि पंचायत में पुस्तकालय की देखरेख के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। इनमें पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक एवं कार्यपालक सहायक को शामिल किया गया है।

–आईएएनएस

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