एक अधिकारी ने बताया कि अभी जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम शेफर्ड और लैब्राडोर हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन कुत्तों के नाम पबजी, तेजा, ड्यूक, सिम्बा और शेरू आदि हैं। जल्द ही पटना के बीएमपी 5 मैदान में स्निफर कुत्तों से संबंधित एक कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें पुराने और नए कुत्तों का कौशल प्रदर्शित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, उनकी सूंघने की क्षमता के अलावा भी इनमें कई खासियतें होती हैं। ये कुत्ते बहुत तेज दौड़ते हैं और लंबी छलांग लगा लेते हैं, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा उन्हें बम, लैंड माइंस, नशीले पदार्थों और शराब का पता लगाने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है।
आंकड़ों के अनुसार, बिहार पुलिस के सीआईडी में 68 स्निफर डॉग हैं, जिनके रख-रखाव के लिए गृह विभाग हर महीने 1.5 लाख रुपये देता है।
करीब डेढ़ साल पहले बिहार पुलिस ने शराब का पता लगाने के लिए 20 स्निफर डॉग खरीदे थे। इनमें से एक जर्मन शेफर्ड डॉग दामिनी ने तो 2 दज्रन से ज्यादा मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं 2 डॉग मैडी और हंटर जमीन के नीचे छुपी शराब का पता लगाने में विशेषज्ञ हैं।
–आईएएनएस
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