हालांकि, जिले में अभी तक बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, जिले भर में निर्देश दिए गए हैं कि बीमार या मृत पक्षियों से संबंधित सूचना पशुपालन विभाग को तुरंत दी जाए।
अधिकारियों ने दावा किया कि अच्छी तरह से पका हुआ चिकन या अंडे खाने से कोई खतरा नहीं है, क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस 70 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर मर जाते हैं। प्रशासन ने पोल्ट्री फार्म और पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को मुर्गियों के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए और उन्हें दस्ताने या किसी अन्य सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करना चाहिए।
एडवाइजरी के अनुसार, पक्षियों के पंख और बलगम को नहीं छूना चाहिए। मुर्गियों को बाड़े में रखें। संक्रमित पक्षियों को मारा जाना जरूरी है।
गुरुग्राम के सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने बर्ड फ्लू से बचाव के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें सोमवार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सिविल सर्जन ने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करना चाहिए और पक्षियों की किसी भी असामान्य मौत की सूचना मिलने पर तुरंत पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, बीमार पक्षियों के बलगम और पंखों से संक्रमण मनुष्यों में फैल सकता है, हालांकि भारत में अब तक पक्षियों से मनुष्यों में इस बीमारी के फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके मुख्य लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही हैं, जिनमें सांस लेने में समस्या, उच्च बुखार और सर्दी होना।
–आईएएनएस
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