बर्ड फ्लू के नये स्ट्रेन की पहले ही हो चुकी पहचान: पशुपालन आयुक्त

नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त डॉ.प्रवीण मलिक ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मृत प्रवासी पक्षियों में पाए गए बर्ड फ्लू के नये स्ट्रेन की पहचान पहले ही हो चुकी है, इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के सिर्फ दो-तीन राज्यों में ही कुछ जगहों पर बर्ड फ्लू के केस अब तक मिल रहे हैं लेकिन बाकी जगहों पर स्थिति नियंत्रण मंे है।
आयुक्त ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला स्थित पौंग डैम में मृत पाए गए प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू एच-5 एन-8 वायरस स्ट्रेन पाए जाने की रिपोर्ट उन्हें मिली है और यह कोई नया वायरस स्ट्रेन नहीं है।

पशुपालन आयुक्त ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि बर्ड फ्लू के नये स्ट्रेन की पहचान भारत में जनवरी में ही हो गई थी और दुनिया के अन्य देशों में इससे पहले ही हो गई थी। लिहाजा यह नया स्ट्रेन नहीं है और इससे घबराने की भी जरूरत नहीं है। हर साल ज्यादातर जगहों पर एच-5,एन-1 वायरस से एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू का प्रकोप फैलने के मामले सामने आते थे, लेकिन इस साल बर्ड फ्लू का एक नया वायरस एच-5 एन-8 मिला है जो पूरी दुनिया में पाया गया है और इसका प्रकोप ज्यादा रहा है जबकि कुछ जगह पोल्ट्री में एच-5 एन-1 के मामले भी मिले हैं।

मलिक ने कहा, हमने देखा है कि शुरू में प्रवासी पक्षियों में एच-5 एन-1 स्ट्रेन निकल रहे थे जबकि देसी पक्षियों में एच-5 एन-8 स्ट्रेन मिला था, जोकि दूसरे देशों में भी पाया गया था। इससे जाहिर होता है कि कुछ जंगली पक्षी दूसरे देशों से दोनों प्रकार के वायरस स्ट्रेन लेकर आए थे।

देश में बर्ड फ्लू के प्रकोप की ताजा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर डॉ. प्रवीण मलिक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के कारण जंगली पक्षिायों की मौत के मामले सामने आए हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में एक दो जगहों पर पोल्ट्री बर्ड में यह फ्लू पाया गया है। उन्होंने कहा कि देश में बाकी जगहों पर पीओएसपी (पोस्ट ऑपरेशन सर्विलांस प्लान) शुरू हो गया है।

–आईएएनएस

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